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तीन तलाक अवैध, लेकिन शरीयत के कानून में दखलंदाजी मंजूर नहीं : कल्बे जव्वाद – Sabguru News
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तीन तलाक अवैध, लेकिन शरीयत के कानून में दखलंदाजी मंजूर नहीं : कल्बे जव्वाद

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तीन तलाक अवैध, लेकिन शरीयत के कानून में दखलंदाजी मंजूर नहीं : कल्बे जव्वाद

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लखनऊ। तीन तलाक के मुद्दे पर इलाहाबाद हाईकोर्ट के निर्णय का मुस्लिम उलेमाओं ने स्वागत किया है। मुस्लिम धर्मगुरु कल्वे जव्वाद ने कहा कि समय आ गया है कि सभी उलेमा इस मुद्दे पर एक साथ आएं और तीन तलाक को अवैध घोषित करें।

उन्होंने यह भी कहा कि हमें शरीयत के कानून में सरकार और कोर्ट की दखलंदाजी मंजूर नहीं है। मौलाना कल्वे जव्वाद ने कहा कि जब समय-समय पर हज करने के नियमों पर इश्तेहाद (शरीयत कानून में संशोधन) किया जा सकता है तो तीन तलाक के मुद्दे पर क्यों नहीं।

कल्वे जव्वाद ने कहा कि समय के साथ शरीया कानून में बदलाव होते रहे हैं और आज वह समय आ गया है कि तीन तलाक पर भी बदलाव होना चाहिए। शियाधर्म गुरु इमामे जुमा मौलाना रजा जैदपुरी ने कोर्ट के फैसले की सराहना करते हुए कहा कि इस्लाम में कहीं भी तीन तलाक का जिक्र है ही नहीं।

मौलाना ने कहा कि मुस्लिम महिलाओं पर अत्याचार नहीं होना चाहिए ये वाकई मुस्लिम महिलाओं पर अत्याचार है हमारी मुस्लिम बहनों पर एक जुल्म है और तीन तलाक का इस्लाम से कोई ताल्लुक नहीं है।

तीन तलाक सुन्नी समुदाय का मसला

मौलाना कल्बे सादिक शिया धर्मगुरू मौलाना कल्बे सादिक ने कहा कि तीन तलाक सुन्नी समुदाय का मसला है। शिया पहले से ही इसके खिलाफ हैं। उन्होंने कहा कि अशिक्षा और जागरूकता की कमी ने इस्लाम को काफी नुकसान पहुंचाया है। शरीयत में तीन तलाक के मसले को गहराई से समझने की जरूरत है। इस्लाम में निकाह करना आसान है लेकिन तलाक देना मुश्किल काम है। यह कुप्रथा इस्लाम से समाप्त होनी चाहिए। ऑल इंडिया शिया पर्सनल लॉ बोर्ड के प्रवक्ता मौलाना यासूब अब्बास ने कहा कि कोर्ट ने बहुत ही अच्छा फैसला दिया है। तीन तलाक पर रोक लगनी चाहिए।

फैसले के खिलाफ अपील करेंगे

मौलाना राशिद फिरंगी महली सुन्नी धर्मगुरू मौलाना राशिद फिरंगी महली ने कहा कि मैं नहीं समझता कि यह संविधान का उल्लंघन है। कुछ लोग अगर कानून तोड़ते हैं तो आप उस पर कार्रवाई करते हैं। कानून तो खत्म नहीं किया जाता। तीन तलाक के मुद्दे पर हम कोर्ट के फैसले का सम्मान करते हैं, लेकिन इसके खिलाफ हम अपील करेंगे।

मौलाना ने कहा कि यह शरीयत से जुड़ा मसला है। हमें पूरा हक है कि हम इस मसले को लेकर सुप्रीम कोर्ट में ले जाने का लिहाजा हम इस मसले को सुप्रीम कोर्ट में उठाएंगे। मौलाना राशिद फिरंगी महली ने कहा कि इतने बड़े देश में महज दस पांच इस प्रकार के केस आ जाने पर इस मुद्दे को इतनी गंभीरता से नहीं लेना चाहिए।

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