नई दिल्ली। ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के सदस्य जफरयाब जिलानी ने मंगलवार को सर्वोच्च न्यायालय के तीन तलाक पर रोक के फैसले का स्वागत किया, लेकिन उन्होंने पूछा कि शरिया का पालन करने वाली महिलाओं का क्या होगा?
इलाहाबाद उच्च न्यायालय के वकील जिलानी ने कहा कि जहां तक तीन तलाक को खत्म करने संबंधी फैसला है, तो हमें इससे कोई समस्या नहीं है क्योंकि हम इसे खुद ही खत्म करने की कोशिश कर रहे हैं। लेकिन, समस्या यहां है कि बड़ी संख्या में मुस्लिम महिलाएं शरिया का पालन करती हैं। यदि उन्हें उनके पतियों द्वारा तलाक दिया जाता है तो वे क्या करेंगी।
उन्होंने कहा कि पता नहीं अदालत ने इस विरोधाभास को ध्यान में रखा है या नहीं। जिलानी ने कहा कि शरिया के मुताबिक तलाक (तीन तलाक) वैध माना जाएगा, लेकिन अदालत के मुताबिक यह अवैध है।
इसलिए इस तरह की महिला के भविष्य के संबंध में अदालत ने क्या दिशा निर्देश दिए हैं। अदालत ने उनके लिए मामले को जटिल बना दिया है या उनके लाभ के लिए फैसला दिया है, इस पर फैसले के अध्ययन के बाद टिप्पणी की जा सकती है।
शीर्ष अदालत ने मंगलवार को मुस्लिम समुदाय के तीन तलाक को असंवैधानिक, मनमाना करार देते हुए कहा कि यह इस्लाम का हिस्सा नहीं है।