अगरतला। तीन महीने पहले तृणमूल कांग्रेस से निष्कासित होने पर भाजपा में शामिल हुए छह विधायकों ने बुधवार को त्रिपुरा के विधानसभा अध्यक्ष से भाजपा विधायक के रूप में मान्यता देने का अनुरोध किया।
हालांकि त्रिपुरा विधानसभा के अध्यक्ष रमेन्द्र चंद्र देबनाथ ने 13 नवंबर से शुरू हो रहे विधानसभा सत्र में समय कम होने के कारण आधिकारिक रूप से उन्हें भाजपा विधायक के तौर पर मान्यता देने से इंकार कर दिया है।
देबनाथ ने कहा कि मुझे छह विधायकों के हस्ताक्षर वाला एक पत्र मिला है, जिसमें उन्होंने भाजपा विधायक के तौर पर मान्यता देने का अनुरोध किया है। मैंने उन्हें बता दिया है कि विधानसभा के अगले सत्र के शुरू होने में अभी बहुत कम समय है। इसलिए समयाभाव के कारण आधिकारिक तौर पर मान्यता की औपचारिकताएं पूरी नहीं की जा सकती हैं।
उन्होंने यह भी बताया कि इन छह विधायकों में दिबा चंद्र हरंगखाल ने भाजपा विधायक दल का नेता के रूप में मान्यता देने की मांग की है। विधानसभाध्यक्ष ने कहा कि आगामी सत्र दो से तीन दिनों का होगा और फरवरी 2018 में होने वाले त्रिपुरा विधानसभा चुनाव से पूर्व शायद यह अंतिम सत्र होगा।
विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि इससे पहले 20 सितंबर को मुझे भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बिपलब कुमार का पत्र मिला था, जिसमें उन्होंने सदन में भाजपा के छह विधायकों को मान्यता देने का आग्रह किया था। मैंने उनको पत्र लिखकर छह विधायकों की ओर से व्यक्तिगत या सामूहिक रूप से पत्र भेजने को कहा था, जिसमें जिक्र किया गया हो कि उन्होंने टीएमसी से संबंध तोड़ लिए हैं।
गौरतलब है कि सात अगस्त, 2017 को सुदीप राय बर्मन की अगुआई में तृणमूल कांग्रेस के पांच विधायकों- आशीष कुमार साहा, दिबा चंद्र, बिस्व बंधु सेन, प्रांजित सिंह राय और दिलीप सरकार- के साथ ही सैकड़ों कार्यकर्ताओं ने भाजपा का दामन थाम लिया था।