देहरादून। भाजपा नेता त्रिवेंद्र सिंह रावत उत्तराखंड के अगले मुख्यमंत्री होंगे। शुक्रवार को उन्हें विधायक दल का नेता चुना गया। केंद्रीय पर्यवेक्षक उनका नाम राष्ट्रीय अध्यक्ष को नाम सौंपेगे। इसके बाद ही आधिकारिक घोषणा की जाएगी।
विधानसभा चुनाव 2017 के परिणाम 11 मार्च को घोषित हुए थे। चुनाव परिणाम में भाजपा को प्रचंड बहुमत मिला। भाजपा ने 70 सीटों में से 57 पर जीत प्राप्त की। यहां सीएम पद की दौड़ में त्रिवेंद्र सिंह रावत, सतपाल महाराज और प्रकाश पंत का नाम चर्चाओं में था।
विधायक दल की बैठक में त्रिवेंद्र सिंह के नाम की औपचारिक घोषणा की गई। मुख्यमंत्री चयन को लेकर देहरादून के होटल पैसेफिक में विधायक मंडल की बैठक हुई। इसमें केंद्रीय पर्यवेक्षकों के साथ प्रदेश प्रभारी श्याम जाजू, चुनाव प्रभारी व केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान, जेपी नड्डा, प्रदेश अध्यक्ष अजय भट्ट समेत सभी 57 विधायक मौजूद रहे।
त्रिवेन्द्र सिंह रावत का संघ से सरकार तक का सफर
भाजपा के वरिष्ठ नेता त्रिवेंद्र सिंह रावत ने अपना सामाजिक जीवन एक आरएसएस प्रचारक से शुरू किया था और आज प्रदेश के सर्वोच्च पद मुख्यमंत्री तक पहुंच गए। इसी बीच वह कई अहम और जिम्मेदार पदों पर भी रहे। त्रिवेन्द्र रावत प्रदेश में ऐसे मुख्यमंत्री होंगे जिन्होंने संघ के प्रचारक से सरकार का मुखिया बनने का सफर आज पूरा किया।
बताते चले कि त्रिवेंद्र सिंह रावत का जन्म 20 दिसंबर 1960 को पिता प्रताप सिंह रावत के घर ग्राम खैरासौंण पट्टी बदलपुर निकट सतपुली पौड़ी गढ़वाल में हुआ। इनका विवाह सुनीता रावत से हुआ। सुनीता रावत शिक्षिका हैं और देहरादून में नियुक्त हैं। इनकी दो पुत्रियां हैं कृति रावत और श्रृजा रावत है। त्रिवेंद्र रावत ने स्नातकोत्तर और पत्रकारिता में डिप्लोमा लिया।
रावत का राजनीतिक सफर वर्ष 1979 में शुरू हुआ। इस वर्ष त्रिवेंद्र राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़े। वर्ष 1981 में संघ के प्रचारक के रूप में काम करने का उन्होंने संकल्प लिया। वर्ष 1985 में देहरादून महानगर के प्रचारक बने। वर्ष 1993 में वह भाजपा के क्षेत्रीय संगठन मंत्री बन गए।
आला कमान ने उन्हें 1997 व 2002 में भाजपा प्रदेश संगठन महामंत्री बनाया। त्रिवेंद्र सिंह रावत ने उत्तराखंड अलग राज्य बनने के बाद पहली बार 2002 में हुए विधानसभा चुनाव में डोईवाला से जीत दर्ज की। उन्होंने अपनी जीत का सिलसिला बरकरार रखा और 2007 में हुए विधानसभा चुनाव में डोईवाला से एक बार फिर विजयश्री प्राप्त की।
2007 से 2012 तक भाजपा सरकार में कृषि मंत्री रहे। वहीं, 2012 विधानसभा चुनाव में वह रायपुर विधानसभा सीट से चुनाव लड़े और हार गए। 2014 में डोईवाला विधानसभा सीट पर हुए उपचुनाव में भी उन्हें हार का मुंह देखना पड़ा।
साल 2014 में उन्हें झारखंड का प्रदेश प्रभारी बनाया गया। 2017 में उत्तराखंड विधानसभा चुनाव में उन्होंने डोईवाला सीट से जीत दर्ज की। वहीं, भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह के साथ उत्तर प्रदेश में सह प्रभारी भी रहे।