वाशिंगटन। अमरीकी सीनेट ने राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा महत्वपूर्ण सरकारी पदों पर तीन भारतीय-अमरीकी की नियुक्ति को मंजूरी दे दी।
नील चटर्जी को गुरुवार को फेडरल इनर्जी रेगुलेटरी कमीशन (एफईआरसी) के सदस्य के रूप में नियुक्त किया गया, जो राष्ट्रीय स्तर पर बिजली, प्राकृतिक गैस और तेल से संबंधित मामलों की देख-रेख करता है।
वहीं, कृष्णा आर. अर्स को पेरू का राजदूत नियुक्त किया गया है, जबकि विशाल अमीन को व्हाइट हाउस में बौद्धिक संपदा प्रवर्तन समन्वयक के पद पर नियुक्त किया गया है।
ऊर्जा नीति को नया आकार देने के लिए ट्रंप के कार्यक्रम में चटर्जी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे, जिनमें से ज्यादातर का पर्यावरणवादी और डेमोक्रेट सांसद विरोध कर रहे हैं।
ट्रंप द्वारा किसी नियामक में उच्चस्तर पर नियुक्त किए जाने वाले वह दूसरे भारतवंशी हैं। चटर्जी ने सीनेट के बहुमत के नेता मिच मैक्कोनेल के ऊर्जा नीति सलाहकार की प्रभावशाली भूमिका निभाई थी और ऊर्जा कानून को आकार देने में मदद की थी।
कृष्णा अर्स वरिष्ठ विदेश सेवा के एक कैरियर सदस्य हैं। वह फिलहाल मैड्रिड में अमरीकी दूतावास के मामलों के प्रभारी हैं। अर्स ने जेम्स कोस्टोस के बाद पदभार संभाला है, जिन्हें राष्ट्रपति बराक ओबामा ने नियुक्त किया था। कोस्टोस ने इस्तीफा दे दिया था।
विशाल अमीन वर्तमान में अमरीकी प्रतिनिधि सभा की न्यायिक समिति के वरिष्ठ वकील के रूप में सेवा दे रहे हैं। आईपी प्रवर्तन का पद साल 2008 में सरकार द्वारा ऑनलाइन चोरी का मुकाबला करने के लिए बनाया गया था।