वॉशिंगटन। अमरीका के दो पूर्व खुफिया प्रमुखों का कहना है कि पिछले साल हुए राष्ट्रपति चुनाव में रूस के हस्तक्षेप को लेकर राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के रुख ने अमरीका को खतरे में डाल दिया है। ट्रंप ने कहा था कि वह अपने रूसी समकक्ष व्लादिमीर पुतिन के इस कथन पर भरोसा करते हैं कि चुनाव में रूस ने किसी प्रकार से कोई हस्तक्षेप नहीं किया।
दोनों नेताओं के बीच एशिया-प्रशांत शिखर सम्मेलन के दौरान इन आरोपों पर चर्चा हुई थी।बीबीसी के मुताबिक अमरीकी खुफिया विभाग लंबे समय से कहता आ रहा है कि रूस ने राष्ट्रपति चुनाव का नतीजा ट्रंप के पक्ष में करने के लिए हस्तक्षेप किया था।
ट्रंप ने संवाददाताओं से कहा कि उनकी (पुतिन) जब भी मुझसे मुलाकात होती है, वह कहते हैं कि मैंने ऐसा नहीं किया और मैं सचमुच मानता हूं कि जब भी वह मुझसे ऐसा कहते हैं, वह सच कह रहे होते हैं।
ट्रंप ने उसके बाद से पुतिन का बचाव करने को लेकर हो रही आलोचनाओं को लेकर आलोचकों का मुंह बंद करने की कोशिश की है। पूर्व राष्ट्रीय खुफिया प्रमुख जेम्स क्लैपर ने इस पर कहा कि वह राष्ट्रपति की टिप्पणियों को लेकर चिंतित हैं।
क्लैपर ने सीएनएन से कहा कि पुतिन हमारे देश की व्यवस्था, हमारे लोकतंत्र और हमारी पूरी प्रक्रिया को बर्बाद करने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि मुझे लगता है कि इसे अलग तरह से पेश करने की कोशिश करना स्तब्ध करने वाला है और वास्तव में इससे देश के लिए खतरा पैदा हुआ है।
ब्रेनन ने भी क्लैपर का समर्थन करते हुए कहा कि वह हैरान हैं कि जिस बात से देश की राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरा है, उसे लेकर ट्रंप रूसी राष्ट्रपति की खुलकर आलोचना क्यों नहीं कर रहे हैं।
ट्रंप द्वारा अपनी आलोचना किए जाने को लेकर उन्होंने कहा कि जिनके द्वारा यह आलोचना की जा रही है, उसे देखते हुए मैं उस आलोचना को सम्मान का तमगा मानता हूं।
लेकिन इसके तत्काल बाद ही अमरीकी कोषागार मंत्री स्टीवन मनुचिन ने दोनों पूर्व खुफिया प्रमुखों की बात को खारिज करते हुए कहा कि ट्रंप उत्तर कोरिया और सीरिया जैसे गंभीर मुद्दे निपटाने में जुटे हुए हैं।