वाशिंगटन/मास्को। अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने आज पहली बार फोन पर बात की और दोनों देशों के बीच संबंधों के ‘‘अत्यंत असंतोषजनक हालात’’ को सामान्य करने एवं आतंकवाद से पैदा हो रहे खतरे से निपटने को लेकर मिलकर काम करने की आवश्यकता पर सहमति जताई।
ट्रंप ने एक बयान में कहा कि पुतिन ने ‘‘ऐतिहासिक चुनाव जीतने पर बधाई देने के लिए’’ उन्हें फोन किया। दोनों नेताओं ने साझे खतरों, रणनीतिक आर्थिक मामलों एवं अमेरिका-रूस के ऐतिहासिक संबंधों समेत विभिन्न मामलों पर चर्चा की।
पुतिन ट्रंप को पिछले बुधवार को सबसे पहले बधाई देने वाले नेताओं में शामिल हैं। उन्होंने ट्रंप के विजेता बनने के करीब एक घंटे बाद उन्हें टेलीग्राम भेजा लेकिन दोनों ने इससे पहले न तो मुलाकात की और न ही बातचीत की।
ट्रंप के सत्ता हस्तांतरण दल ने एक बयान में कहा, ‘‘नवनिर्वाचित ट्रंप ने राष्ट्रपति पुतिन से कहा कि वह रूस एवं रूस के लोगों के साथ मजबूत एवं स्थायी संबंध स्थापित करने के बहुत इच्छुक हैं।’’ क्रेेमलिन ने कहा कि पुतिन एवं ट्रंप ने दोनों देशों के बीच ‘‘अत्यंत असंतोषजनक स्थिति’’ को रेखांकित किया और ‘‘उन्हें सामान्य बनाने के लिए संयुक्त रूप से सक्रिय कार्य करने की आवश्यकता की घोषणा की।’’
दोनों नेताओं ने कहा कि वे उन्हें (द्विपक्षीय संबंधों को) रचनात्मक सहयोग के ढांचे में लाने के लिए काम करेंगे। क्रेमलिन ने रूस के नेता के हवाले से कहा कि ये नए संबंध ‘‘एक दूसरे के घरेलू मामलों में हस्तक्षेप नहीं करने और समानता, एवं आपसी सम्मान के सिद्धांतों पर’’ आधारित होंगे।
बयान में कहा गया कि पुतिन एवं ट्रंप ने ‘‘सबसे बड़े वैश्विक शत्रु’’- अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद एवं अतिवाद के खिलाफ लड़ने पर सहमति व्यक्त की। इसमें कहा गया है कि अधिकारी दोनों नेताओं के बीच एक व्यक्तिगत बैठक आयोजित करने पर काम कर रहे हैं।
अमेरिका के राष्ट्रपति पद की मुहिम के दौरान वरिष्ठ अमेरिकी सुरक्षा अधिकारियों ने रूस पर डेमोक्रेटिक नेशनल कमेटी के कम्प्यूटर हैक करने और वे ईमेल जारी करने का आरोप लगाया था जो हिलेरी क्लिंटन की मुहिम के लिए शर्मिंदगी भरे साबित हुए जबकि पुतिन ने हैकिंग में सरकार की किसी भी प्रकार की भूमिका से इनकार किया है।
दोनों देशों के बीच हालिया वषरें में संबंधों में कड़वाहट आई है जबकि आठ साल तक राष्ट्रपति पद की जिम्मेदारी संभालने वाले ओबामा ने रूस के साथ संबंधों में सुधार की अपील की थी।
रूस एवं अमेरिका उत्तर कोरिया एवं ईरान जैसे मामलों पर मिलकर काम कर रहे हैं लेकिन सीरिया के मामले पर दोनों में खुले तौर पर मतभेद की स्थिति है।