न्यूयॉर्क/बीजिंग। अमरीका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और ताईवान के राष्ट्रपति साई इंग-वेन के बीच फोन पर हुई बातचीत पर चीन ने कड़ी प्रतिक्रिया दी। चीन ने अमरीका को आगाह किया कि उसे यह ध्यान रखना चाहिए कि दुनिया में केवल एक चीन है और ताईवान उसका अविभाज्य अंग है।
ताईपेई टाइम्स के मुताबिक दोनों नेताओं के बीच बातचीत की खबर सार्वजनिक होने के थोड़ी ही देर बाद ट्रंप ने ट्वीट कर बताया कि ताईवान के राष्ट्रपति ने फोन कर उन्हें अमरीका का राष्ट्रपति चुने जाने पर बधाई दी।
लेकिन समाचारपत्र ने सूत्रों के हवाले से डोनाल्ड ट्रंप के दावे पर संदेह जताते हुए कहा कि दरअसल दोनों नेताओं के बीच यह बातचीत ट्रंप की प्रचार टीम के एक ताईवान समर्थक सदस्य की पहल पर हुई।
इस बीच, चीन के विदेश मंत्रालय ने ट्रंप और ताईवान के राष्ट्रपति के बीच बातचीत पर कड़ी प्रतिक्रिया दी। मंत्रालय ने बयान जारी कर कहा कि हमने इस मुद्दे को अमरीका के साथ उचित स्तर पर उठाया और उन्हें बता दिया कि दुनिया में एक ही चीन है और ताईवान उसका अविभाज्य अंग।
हम अमरीका में संबद्ध पक्षों से आग्रह करते हैं कि वे वन-चीन नीति पर चलें और चीन-अमेरिका रिश्तों में बिना वजह हस्तक्षेप से बचें। इससे पूर्व चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने भी हांगकांग के फोनिक्स टीवी से बातचीत में कहा था कि चीन और अमेरिका के स्वस्थ रिश्तों में वन-चीन की नीति एक अहम स्तंभ है।
उन्होंने उम्मीद जताई कि चीन के प्रति 1979 से चली आ रही अमरीकी नीतियों को कोई नुकसान नहीं पहुंचाया जाएगा। गौरतलब है कि ताईवान को अपना हिस्सा बताने के चीन के पुरजोर प्रयासों के बाद अमरीका ने वर्ष 1979 में ताईवान से राजनयिक रिश्ते तोड़ लिए थे।
उसके बाद किसी अमरीकी राष्ट्रपति के ताईवान के किसी उच्चस्तरीय नेता से बातचीत की यह पहली घटना है। बहरहाल, यह तो तय है कि दोनों नेताओं के बीच बातचीत हुई, लेकिन किसने किसको फोन किया, यह स्पष्ट नहीं हो सका है।
बातचीत पर ट्रंप की टीम ने कहा कि दोनों नेताओं के बीच परस्पर राजनीतिक, आर्थिक और सामरिक रिश्तों के भावी स्वरूप पर बातचीत हुई। ट्रंप और साई इंग-वेन की बातचीत से इस तरह की अटकलें लगाई जा रही हैं कि दोनों की यह बातचीत ताईवान के प्रति अमरीकी नीतियों में बदलाव का संकेत भी हो सकती हैं।