वाशिंगटन। अमरीकी पूर्व विदेश मंत्री हिलेरी क्लिंटन ने शनिवार को ईरान परमाणु समझौते से अलग होने की ट्रंप की धमकी को खतरनाक बताया। उन्होंने कहा कि ट्रंप अन्य देशों के साथ अमेरिका के वादों की वैधता कम रहे हैं। यह जानकारी रविवार को मीडिया रिपोर्ट से मिली।
विदित हो कि कि ट्रंप ने ईरान पर वर्ष 2015 के ऐतिहासिक समझौते का उल्लंघन करने का आरोप लगाया है। क्लिंटन ने शनिवार को एक स्थानीय टीवी चैनल को दिए एक साक्षात्कार में कहा कि सबूत इस बात के संकेत दे रहे हैं कि ईरान समझौते का पालन कर रहा है।
इसके बावजूद समझौते को खत्म करने की ट्रंप की धमकी देने से हम मूर्ख और छोटे लगते हैं और ईरान के लोगों के हाथों में खेल रहे हैं। क्लिंटन ने कहा कि यह ना केवल खराब है, बल्कि इससे दुनियाभर में एक संदेश गया है कि अमरीका अपने वादे का पक्का नहीं है।
दो दिन पहले अमरीकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ईरान को धर्मांध हुकूमत करार देते हुए उसकी निंदा की थी और साथ ही परमाणु समझौता से हटने की धमकी दी। डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि वह इस सौदे को कांग्रेस के पास भेज रहे हैं और इसमें बदलाव के लिए सहयोगियों से विमर्श भी करेंगे।
ट्रंप की धमकी पर ईरान के राष्ट्रपति हसन रूहानी ने सवाल किया है कि ट्रंप उस समझौते से अकेले कैसे हट सकते हैं, जिस पर कई देशों ने हस्ताक्षर किए थे। उन्होंने कहा कि ट्रंप ने अंतरराष्ट्रीय कानून ढंग से नहीं पढ़ा है।
बहुत से देशों के बीच हुए समझौते को एक राष्ट्रपति कैसे रद्द कर सकता है? ट्रंप को शायद पता नहीं है कि यह ईरान और अमरीका के बीच हुआ द्विपक्षीय समझौता नहीं है कि वह जो चाहें कर लें।