मुंबई। भूमाता ब्रिगेड की अध्यक्ष तृप्ति देसाई ने गुरुवार सुबह कड़ी सुरक्षा के बीच हाजी अली दरगाह पहुंचकर माथा टेका।
तृप्ति को दरगाह में उस जगह तक जाने दिया गया जहां आम महिलाओं को जाने की छूट है। दरगाह के आंतरिक हिस्से में उन्हें प्रवेश की अनुमति नहीं दी गई।
दरगाह में माथा टेकने के बाद तृप्ति देसाई ने कहा कि वह बिना किसी को सूचित किए वहां गईं। उन्होंने कहा कि वह उम्मीद करती हैं कि बाकी महिलाओं को भी दरगाह में जाने की इजाजत दी जाए।
हाजी अली दरगाह प्रबंधन के अनुसार तृप्ति देसाई को दरगाह के अंदर जाकर माथा टेकने की इजाजत दी गई थी लेकिन उन्हें दरगाह के आंतरिक और पवित्र स्थान में नहीं जाने दिया गया।
पूरे समय उनके साथ दरगाह प्रबंधन के लोग थे। प्रबंधन ने कहा कि मुख्य मजार के गेट तक पहुंचने के बाद भी तृप्ति काफी खुश थीं। गेट पर सिर झुकाकर वह वापस लौट गईं।
इससे पहले जब तृप्ति देसाई ने दरगाह में जाने की कोशिश की थी तो उन्हें रास्ते में ही रोक लिया गया था। उस दौरान बड़ी संख्या में मुस्लिम समुदाय के लोगों ने उनका विरोध किया था। मुस्लिम समुदाय के लोग मजार में महिलाओं के प्रवेश को अपनी परंपरा के खिलाफ मानते हैं।