अंकारा। तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप तईप एर्दोगन ने राष्ट्रपति की शक्तियों का विस्तार करने को लेकर रविवार को हुए एक जनमत संग्रह में मामूली अंतर से जीत हासिल कर ली।
बीबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक, 99.97 फीसदी मतपत्रों की गणना की गई, जिनमें अभियान के प्रति 51.41 फीसदी लोगों ने ‘हां’ के रूप में अपना जवाब दिया, जबकि 48.59 फीसदी लोगों ने ‘नहीं’ में जवाब दिया, जिसके बाद निर्वाचन समिति ने विजय की घोषणा की। जनमत संग्रह के अंतिम नतीजे 11-12 दिनों के भीतर जारी कर दिए जाएंगे।
तुर्की की मुख्य विपक्षी सोशल डेमोक्रेटिक सीएचपी पार्टी ने सुधार का विरोध करते हुए कहा कि सर्वोच्च निर्वाचन समिति ने जीत सुनिश्चित करने में मदद की।
सीएचपी के प्रवक्ता अरदल अकसुंगर ने संवाददाताओं से कहा कि पार्टी 37 फीसदी सीमा प्रांतों के मतदान को चुनौती देगी, क्योंकि व्यापक तौर पर गड़बड़ी हुई है। पार्टी दोबारा मतगणना की मांग करेगी।
समाचार एजेंसी एफे न्यूज से सीएचपी के उपाध्यक्ष बुलेंट तेजकन ने कहा कि वे कह रहे हैं कि बिना आधिकारिक सील वाले मतपत्र व लिफाफे वैध हैं। यह अवैध है। इसका मतलब यही है कि वे बाहर से मतों को मतगणना में शामिल कर सकते हैं।
वहीं कुर्दिश पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी ने कहा कि मतगणना में तीन-चार फीसदी की गडबड़ी के संकेत हैं। एर्दोगन ने कहा है कि अनौपचारिक परिणामों के मुताबिक ‘हां’ के रूप में 25 लाख मत मिले और 13 लाख वोटों के अंतर से जीत मिली है।