हरदा। मध्यप्रदेश के हरदा जिले में खिरकिया के पास काली माचक नदी में बीती देर रात एक बड़ा ट्रेन हादसा हो गया, जिसमें 27 लोगों की घटनास्थल पर ही मौत हो गई, जबकि सैकड़ों घायल हुए, जिन्हें विभिन्न अस्पतालों में भर्ती किया गया है।
इसमें से कुछ की हालत गंभीर बताई जा रही है। हालांकि, अभी तक सभी मौतों की संख्या का अंदाजा नहीं लग सका है, अनुमान है कि अभी मृतकों की संख्या एक सैकड़ा तक पहुंच सकती है। घटना की जानकारी मिलते ही इटारसी जंक्शन से राहत दल तत्काल घटनास्थल पर पहुंच गया था, जिसने कि अंधेरे में भी कई लोगों की मदद करते हुए उनकी जान बचाई।
वहीं, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, रेल मंत्री सुरेश प्रभु और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने घटना पर दु:ख जताया है तथा प्रशासन ने मृतकों के परिजनों को दो-दो लाख तथा घायलों को 50 हजार रुपए मुआवजा देने की घोषणा की है।
घटना का ब्यौरा
मंगलवार को देर रात करीब 11.15 बजे हरदा और खिरकिया स्टेशन के बीच भिरंगी स्टेशन के नजदीक काली माचक नदी पर बना पुल धंसकने के कारण मुंबई से वाराणसी जा रही 11071 कामायनी के एक्सप्रेस के पीछे के पांच डिब्बे नदी में जा गिर गए, जबकि दो डिब्बे पुल पर लटक गए।
वहीं, उसी समय दूसरे ट्रेक पर 13201 पटना से मुंबई (लोकमान्य तिलक टर्मिनस) की ओर जा रही जनता एक्सप्रेस के भी तीन डिब्बे में नदी में गिर गए। बताया जाता है कि दोनों ट्रेनें खचाखच भरी हुई थीं, जिसके चलते भारी जान-माल की क्षति होने का अनुमान है।
रात में अंधेरा होने तथा तेज बारिश के चलते तत्काल राहत एवं बचाव में भी भारी परेशानियां हुईं, लेकिन जैसे ही सूचना रात 12.30 बजे इटारसी पहुंची, वहां से राहत ट्रेन रवाना हुई और राहत दल ने करीब 150 से अधिक लोगों को बचाने में सफलता प्राप्त की।
रात का समय था, इसलिए अधिकांश यात्री अपनी बर्थ पर सो रहे थे और अचानक दुर्घटना होने पर ट्रेन के ब्रेक लगने से यात्रियों को जोरदार झटका लगा, तो देखा कि ट्रेन की पिछली बोगियां नदी में गिर गईं। बोगियों में पानी भर चुका था और लोग चिल्लाते हुए बाहर कूदने लगे।
आप बीती : पीछे के पांच डिब्बे नदी में गिर गए
इस हादसे में बचे कुछ लोगों ने अपनी आप बीती बताई। प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि ठीक उसी वक्त यहां से गुजर रही जनता एक्सप्रेस का इंजन और पहली बोगी भी पटरी से उतर गई। क्षेत्र में भारी बारिश के कारण सड़क संपर्क भी टूटा हुआ है। भारी बारिश के चलते नदी काफी उफान पर है। खंडवा से आ रहे एक यात्री ने बताया कि कामायनी एक्सप्रेस खिरकिया से 11.07 मिनट पर गाड़ी निकली थी। मांदला और भिरंगी के बीच ट्रैक पर पानी था। जिसके चलके चलते पुल धंसका और आधी ट्रेन निकलने के बाद पीछे के पांच डिब्बे नदी में गिर गए।
बोगियां पटरी से उतरकर पानी में समा गईं
भोपाल के भरत कोली अपनी पत्नी सुषमा के साथ कामायनी में पचौरा से शाम साढ़े छह बजे सवार हुए थे। ये दोनों ही इंजन से पीछे तीसरी सामान्य बोगी में थे। इन्होंने बतााय कि रात करीब 11 बजे हरदा से करीब 20 कि.मी. पहले एक तेज आवाज ने हमारे सभी यात्रियों को सकते में डाल दिया। हम कुछ समझ पाते इसके पहले ही ट्रेन रुक गई। बाहर तेज बारिश हो रही थी और अंधेरा होने के कारण कुछ दिखाई नहीं दे रहा था। हम में से कुछ लोगों ने बाहर निकलकर देखा कि ट्रेन के पीछे की तीन-चार बोगियां पटरी से उतरकर पानी में समा गईं। इसके बाद यात्रियों ने 108 पर घटना की जानकारी दी।
हादसे के समय ज्यादातर यात्री सोए हुए थे
उधर, दूसरे अन्य यात्रि दोसो कुमावत, जो कि कामायनी के कोच एस-6 में सवार थे का कहना है कि हादसे के समय ज्यादातर यात्री सोए हुए थे। टीटीई टिकट चेक कर रहे थे। अचानक जोर की आवाज हुई। आवाज कैसे आई इसको लेकर लोग चर्चा ही कर रहे थे, तभी कोच में पानी घुस आया। करीब 20 मिनट बाद टीटीई द्वारा एक-एक करके बोगी के 40 यात्रियों को कोच के रास्ते सामान्य बोगी में पहुंचाया गया।
तेज धक्के के साथ ट्रेन रुक गई
हरदा के नानक पाटील ने बताया कामायनी एक्सप्रेस की बोगी में जलगांव से सवार हुआ था। ट्रेन हरदा पहुंचने वाली थी। वहां उतरने वाले यात्रियों ने अपना सामान संभालना शुरू ही किया था, तभी तेज धमाके और धक्के के साथ ट्रेन रुक गई। बोगी में पानी भरने लगा। इसके बाद तो बोगी में अफरा-तफरी के हालत बन गए। इन हालात के बीच करीब 40 मिनट की मशक्कत के बाद मैं बोगी से बाहर निकल सका।
आंखों से सामने बह गई साथी यात्री
ट्रेन में सवार नासिक निवासी सुरेंद्र विजय पाटिल अपने परिवार के 10 सदस्यों के साथ कमायनी की एस-10 बोगी में सवार थे। इनके साथ यात्रा कर रहीं मथुरा पति यशवंत शिवाले आंखों के सामने देखते ही देखते नदी के तेज बहाव में बह गईं। इनके परिवार के अन्य सदस्यों ने बमुश्किल अपनी जान बचाई।
हरदा कलेक्टर एवं एसपी घटनास्थल पर रात में ही पहुंचे
जैसे ही हादसे की जानकारी मिली, हरदा कलेक्टर रजनीश श्रीवास्तव एवं एसपी प्रेमबाबू शर्मा दुर्घटनास्थल रवाना हो गए और रात करीब 1.30 बजे घटनास्थल पर पहुंच गए। वहीं, भोपाल रेल मंडल के डीआरएम और जीएम झेलम एक्सप्रेस के इंजन से तुरंत घटना स्थल पर पहुंच गए तथा वहां पहुंचकर राहत एवं बचाव दल का हौसला बढ़ाया।
रेल मंत्री ने बताया, तुरंत पहुंचाई गई राहत
रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने ट्विट के जरिए हरदा के पास काली माचक नदी के पुल पर हुई रेल दुर्घटना पर दुख जताते हुए बताया कि इटारसी, जबलपुर तथा भुसावल जंक्शन से तुरंत राहत रेल गाड़ियां रवाना कर दी गईं और तत्काल घटनास्थल पर पहुंचकर यात्रियों की मदद की गई। उन्होंने बताया कि इस घटना के राहत एवं बचाव कार्य के साथ ही अन्य प्रकार से भी मध्यप्रदेश सरकार का पूरा सहयोग किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि देर रात ही आरपीएफ व जीएम, डीआरएम व मेडिकल स्टाफ के साथ राहत ट्रेनें दुर्घनास्थल पर पहुंच चुकी थीं और राहत दल ने सैकड़ों लोगों की जान बचाई।
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