रोहतक। हाल ही में सोशल नेटवर्किंग से लेकर मीडिया तक में छाए रहे रोहतक जिले में बस के भीतर दो बहनों द्वारा तीन युवकों की पिटाई मामले में नया मोड़ आ गया है। पहले लड़कों के गांव की पंचायत ही लड़कों के पक्ष में थी, अब लड़की के गांव की उसी बस की यात्री महिलाएं भी लड़कों के पक्ष में खड़ी दिख रही हैं।
उसी बस में सवार 5 महिला यात्रियों ने शपथ पत्र देकर कहा कि लड़ाई सीट को लेकर थी, छेड़छाड़ को लेकर नहीं। गौरतलब है कि दोनों बहनें आरती और पूजा ने दावा किया है कि उन्होंने छेड़खानी के बाद लड़कों की पिटाई की थी। इन महिला यात्रियों ने पुलिस थाने में गवाही दी है और कहा है कि छेड़खानी जैसा कोई मामला नहीं था।
इस बीच, दोनों बहनों ने एक बार फिर कहा है कि उन्होंने छेड़छाड़ के बाद ही युवकों की पिटाई की। एक टीवी चैनल पर उनका कहना था कि गांव की महिलाएं झूठ बोल रही हैं। उन्होंने यह भी कहा कि छेड़खानी के विरोध के उनके ये दोनों वीडियो आखिरी नहीं हैं। जरूरत पड़ी तो यह सिलसिला आगे भी चलता रहेगा।
आरोपियों को जमानत
तीनों आरोपियों युवकों कुलदीप, दीपक और मोहित को जमानत मिल गई और उन्हें रिहा कर दिया गया है। इधर, युवकों के परिजनों का कहना है कि उनके बच्चों को झूठा फंसाया गया है। लड़कियों ने खुद ही वीडियो बनवाया है। परिजनों ने दोनों बहनों के एक और वीडियो का हवाला देते हुए आरोप लगाया कि लड़कियां झगड़ालू हैं और झगड़ा करना इनकी आदत है। गौरतलब है कि अक्टूबर 2014 का एक और वीडियो सामने आया है जिसमें दोनों बहनें एक अन्य युवक की पिटाई करती दिख रही हैं।