सैन फ्रांसिस्को। अमरीकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का एक बार फिर पक्ष लेते हुए ट्विटर ने अपने पिछले स्पष्टीकरण को वापस ले लिया है कि उसने ट्रंप के ट्वीट को क्यों नहीं हटाया जिसमें मुस्लिम विरोधी ग्राफिक वीडियो भी शामिल हैं।
ट्रंप ने इस सप्ताह धुर दक्षिणपंथी ब्रिटिश नेता जेडा फ्रेजर द्वारा ट्वीट किए वीडियो को रिट्वीट किया था, जो मुस्लिमों के हिंसक कृत्यों को दिखाने के मकसद से किया गया था।
इस पर प्रतिक्रिया देते हुए ब्रिटिश प्रधानमंत्री थेरेसा मे ने इस तरह की ‘घृणित’ चीजों को बढ़ावा देने के लिए ट्रंप को ‘गलत’ कहा था।
ट्रंप ने जवाब देते हुए मे से कहा कि उन्हें इसके बजाय आतंकवाद पर ध्यान देना चाहिए और कहा कि हम बस अच्छा कर रहे हैं।
बाद में ट्विटर के सीईओ जैक डोर्सी ने ट्वीट किया कि हम गलती से गलत कारण का उल्लेख करते हैं कि (क्यों) हमने इस हफ्ते की शुरुआत में वीडियो को लेकर कोई कार्रवाई नहीं की। हम अभी भी हमारी सभी मौजूदा नीतियों की समीक्षा कर रहे हैं।
अब ट्विटर की ट्रस्ट एवं सेफ्टी टीम के ट्वीट में माइक्रो ब्लॉगिंग प्लेटफॉर्म पर कहा गया है कि हमारी वर्तमान मीडिया नीति के आधार पर ट्विटर पर वीडियो को मंजूरी मिली है।
सितंबर में ट्विटर ने ट्रंप के उत्तर कोरिया के बारे में उस विवादित ट्वीट को नहीं हटाया था, जो स्पष्ट रूप से उसी के दिशा-निर्देशों का उल्लंघन था।
ट्रंप ने ट्वीट किया था कि बस अभी संयुक्त राष्ट्र में उत्तर कोरिया के विदेश मंत्री का संबोधन सुना। अगर वह उस छोटे कद वाले रॉकेट मैन के विचारों को दोहराते, तो वे ज्यादा देर तक हमारे आसपास नहीं रहेंगे।
लोगों ने इस बात पर हैरानी जताई कि ट्विटर ने उस ट्वीट को क्यों नहीं हटाया जिससे कंपनी के नियम का उल्लंघन हुआ है।
इस पर ट्विटर के सह-संस्थापक बिज स्टोन ने पोस्ट किया कि आप में से कुछ लोग पूछ रहे हैं कि हमने यहां उल्लखित ट्वीट को क्यों नहीं हटाया। इसे मापने का हमारा पैमाना यह है कि क्या ट्वीट खबरयोग्य है और क्या वह जनहित में है।
ट्विटर ने कभी इस बात को सार्वजनिक रूप से नहीं कहा है कि ट्रंप ने उसके किसी भी भी दिशा निर्देश का उल्लंघन किया है। डोर्सी ने भी ट्रंप के ट्वीट का बचाव किया है।
ट्रंप के ट्वीट के आलोचकों का कहना है कि उनके ट्वीट हिंसा को बढ़ावा देते हैं, इसलिए इन पर प्रतिबंध लगा दिया जाना चाहिए।