नई दिल्ली। राष्ट्रीय राजधानी में बीते पांच दिसंबर को एक महिला के साथ दुष्कर्म करने के आरोपी उबेर टैक्सी कंपनी के चालक के खिलाफ दिल्ली की एक अदालत ने मंगलवार को आरोप तय कर दिए।
इस बीच, आरोपी ने नया नाटक करते हुए न्यायालय के आदेश पर हस्ताक्षर करने से इनकार कर दिया। बाद में आरोपी शिव कुमार यादव ने अपने ऊपर लगे आरोपों से इनकार किया और मामले की सुनवाई की मांग की।
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश कावेरी बावेजा ने आरोपी शिव कुमार यादव के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 376 (2) (एम) (दुष्कर्म व जान को खतरे में डालना), धारा 366 (महिला को अगवा करना), धारा 506 (आपराधिक धमकी) तथा धारा 323 (मारपीट) के आरोप तय किए।
न्यायालय ने अभियोजन पक्ष के गवाहों का बयान दर्ज करने के लिए 15 जनवरी की तारीख तय की। सुनवाई रोजना आधार पर होगी।
यह दावा करते हुए कि आरोप पर बहस उसकी उपस्थिति में नहीं हुई है, आरोपी ने न्यायालय के आदेश पर हस्ताक्षर करने से इनकार कर दिया। उसने यह भी कहा कि अपने लिए वकील करने का भी उसे मौका नहीं मिला। इसके बाद न्यायालय ने कहा कि आरोप पर बहस के वक्त वह मौजूद था।
न्यायालय ने उसे इस बात से आश्वस्त किया कि यह एक सामान्य कानूनी प्रक्रिया है और इसके कारण उसे कोई नुकसान नहीं होगा, तब जाकर उसने कॉपी पर हस्ताक्षर किए। हालांकि उसने खुद को इस मामले में निर्दोष बताया।
वहीं उसने अदालत से कहा कि वह नपुंसक नहीं है। आरोपी 32 वर्षीय शिव कुमार यादव ने पांच दिसंबर को एक कामकाजी महिला के साथ अपनी टैक्सी में कथित तौर पर दुष्कर्म किया था। महिला उत्तर दिल्ली के इंद्रलोक में स्थित अपने घर वापस जाने के लिए टैक्सी किराए पर ली थी। न्यायालय में 24 दिसंबर को दाखिल 100 से अधिक पृष्ठों के आरोप-पत्र में पुलिस ने अभियोजन पक्ष के 44 गवाहों का हवाला दिया है।