उदयपुर। सेलिब्रेशन मॉल के बाहर से मारूति कार चुराने वाले आरोपी को अदालत ने एक वर्ष के कारावास की सजा सुनाई।
प्रकरण के अनुसार सरदारपुरा निवासी शिवराज सिंह पुत्र रघुवीर सिंह ने गत वर्ष 7 सितम्बर को सुखेर थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई कि 4 सितम्बर 2015 को सेलिबे्रशन मॉल गया था। मॉल के बाहर गाड़ी खड़ी कर अंदर खरीददारी करने गया। वापस लौटा तो कार नहीं मिली।
पुलिस ने अज्ञात के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच-पड़ताल की। आरोपी गोडन चोरा नाई निवासी रामलाल पुत्र ऊँकारलाल गमेती को गिरफ्तार किया और इसकी निशानदेही से कार पालड़ी गांव चौकी नहर के पास से बरामद की गई।
आरोपी के खिलाफ जांच पूर्ण कर अदालत में आरोप पत्र पेश किया। अभियोजन पक्ष की ओर से मामले की सुनवाई के दौरान पांच गवाह पेश किए।
दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद विशिष्ट अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (पीसीपीएनडीएक्ट कैसेज) के पीठासीन अधिकारी ने अपने फैसले में लिखा कि वर्तमान में बढ़ती वाहनों की चोरियों को देखते हुए अभियुक्त को परीविक्षा का लाभ दिया जाना न्यायोचित नहीं है।
आरोपी रामलाल को दोषी करार देते हुए भादसं की धारा 379 में एक वर्ष का कारावास और पांच हजार रूपए जुर्माने की सजा सुनाई।
एसिड फेंकने वाले आरोपी की जमानत नामंजूर
बिजली चोरी का मामला पकड़े जाने पर पड़ौसी पर शंका जताते हुए उसे जान से मारने की नियत से एसिड फैंकने वाले आरोपी की अदालत ने जमानत नामंजूर कर दी।
प्रकरण के अनुसार घासा थाने में गत 5 मार्च को नरेंद्र सिंह पुत्र राम सिंह कीकावत ने रिपोर्ट दर्ज कराई कि गांव के खेड़ी रेला घासा निवासी भंवर सिंह पुत्र नाहर सिंह राजपूत बिजली के खंभे पर आंकड़ी डालकर बिजली चुरा कर अपने घर में बिजली जला रहा था जिसे जेईएन ने आकर पकड़ा व केबल ले गए।
इस बात को लेकर आरोपी भंवरलाल यह शंका करता है कि बिजली चोरी को पकड़वाने में नरेंद्र सिंह का हाथ है। 4 मार्च की रात करीब साढ़े 11 बजे मोगना गांव में भवई देखते समय आरोपी भंवर सिंह हाथ में एसिड से भरी बोतल व जरीकेन लेकर वहां पहुंच गया और एसिड से भरी बोतल को नरेंद्र सिंह पर फैंका, जिससे वह झुलस गया।
इसके अलावा तेजाब से भरा जरीकेन भी वहां मौजूद भीड़ पर भी फैंक दिया, जिससे तुलसा बाई, नानी, भंवरी, अणसी, नानू, सुरेश, दिनेश सहित दस जने झुलस गए। इस मामले में पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार किया जो न्यायिक अभिरक्षा में चल रहा है।
आरोपी आदतन अपराधी होकर उसके खिलाफ पांच मामले विचाराधीन है। आरोपी की ओर से पेश जमानत प्रार्थना पत्र को जिला एवं सत्र न्यायालय के पीठासीन अधिकारी ने नामंजूर कर दिया।