उदयपुर। महाराणा भूपाल चिकित्सालय में जैसे ही चिकित्सा मंत्री प्रवेश कर अंदर गए और अस्पताल में व्याप्त गंदगी को देखकर चिकित्साधिकारियों को लताड़ लगाते हुए कहा कि हमारा अस्पताल किसी कॉपोर्रेट से कम नहीं लेकिन गंदगी का आलम यह है कि सफाई तक सुव्यवस्थित नहीं है।
चिकित्सा मंत्री राजेन्द्र सिंह राठौड़ चिकित्साधिकारियों व पुलिस अधिकारियों के साथ पहल परियोजना का अवलोकन करने के लिए जैसे ही अस्पताल में गए। अस्पताल में घुसने के पहले ही नम्बर पर मेडिसिन ऑफिस का अवलोकन किया तो उसमें झाले ही झाले लगे हुए थे।
यह देखकर वे आक्रोशित हो गए और उन्होंने चिकित्साधिकारियों को लताड़ लगाई कि ये क्या है? इसके बाद जैसे ही आगे बढ़े तो दिवारों पर पिक व थूंक की गंदगी को देखकर नाराजगी जताई। इसके बाद उन्होंने ब्लड बैंक का भी निरीक्षण किया तो ब्लड बैंक में टूटी हुई टेबल को देखकर कहा कि ये क्या आलम है?
वहीं पर एक खराब बेसीन और उसके पास में पड़े कचरा पात्र को देखकर वे नाराज हो गए। जैसे ही वे ब्लड बैंक में गए और बाहर की तरफ व्याप्त गंदगी को देखकर आक्रोश व्यक्त करते हुए कहा कि ये क्या दशा कर रखी है? उन्होंने कहा कि यहां तुरन्त सफाई कर यहां फूल वगैरह लगाए जाए ताकि अस्पताल की रौनक नजर आए।
बाहर निकलते समय वार्ड नं. 1 के सामने बने महिला शौचालय में घुस गए। शौचालय में नलों से बहते पानी एवं कमोड में पड़ी गंदगी को देख काफी आक्रोशित हुए। उन्होंने कहा कि यह बाथरूम की दुर्दशा है, सफाईकर्मी कहां है। सफाईकर्मी को फटकारते हुए कहा कि इस तरह की सफाई करते हो?
उन्होंने अधीक्षक डॉ. तरूण गुप्ता से कहा कि इन पर जुर्माना लगाकर वेतन से वसूला जाए। इस निरीक्षण के बाद जब मुख्य द्वार के वहां पहुंचे तब उन्होंने
चिकित्साधिकारियों से कहा कि वे 15 दिन बाद पुन: उदयपुर आएंगे और अस्पताल की व्यवस्था व साफ-सफाई चाक-चौबंद होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि छह महिने पूर्व जो व्यवस्था देखकर गया उसमें कुछ सुधार आया, लेकिन पूरी तरह नहीं जो कि अपेक्षित था।
अस्पताल में सफाई व्यवस्था ऐसी होनी चाहिए कि हमारा चिकित्सालय भी किसी कॉर्पोरेट चिकित्सालय से कम नजर नहीं आए और यहां जो टूटे-फूटे फर्नीचर व बेसिन आदि को भी बदल कर अच्छे लगवाए जाए।