जयपुर। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी)ने नोटिस जारी करके जोधपुर नेशनल यूनिवर्सिटी, जोधपुर (जेएनयू) के चालू शैक्षणिक सत्र 2015-16 की प्रवेश प्रक्रिया पर रोक लगा दी है।
इस यूनिवर्सिटी में पिछले साल फर्जी डिग्रियां बेचने का मामला सामने आया था। इसके बाद इस मामले की जांच राजस्थान की एसओजी टीम कर रही है।
एसओजी ने फर्जी डिग्रियां बेचने का भंडाफोड़ कर यूनिवर्सिटी के चांसलर कमल मेहता को गिरफ्तार कर लिया था। मेहता को कोर्ट ने जमानत दे दी थी। यूजीसी ने विद्यार्थियों से मौजूदा सत्र में राजस्थान के जेएनयू में प्रवेश नहीं लेने की सार्वजनिक अपील जारी की है।
इसमें यूजीसी ने खुले तौर पर विद्यार्थियों से कहा है कि वे राजस्थान की जेएनयू में एडमिशन नहीं लें और जेएनयू से सम्बंधित किसी भी कोर्स, कॉलेज या सेंटर पर भी प्रवेश नहीं ले।
यूजीसी ने अपनी दलील में कहा है कि यूनिवर्सिटी द्वारा फर्जी डिग्रियां जारी करने का मामला सामने आया हैं, जिसके बाद राजस्थान सरकार की एक्सपर्ट कमेटी इसकी जांच कर रही है। गौरतलब है कि इस यूनिवर्सिटी में फर्जी डिग्री का मामला राज्य विधानसभा में भी उठा था।
स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप की जांच में यूनिवर्सिटी द्वारा करीब 25 हजार फर्जी डिग्रियां जारी करने का मामला सामने आया था। इसके बाद राज्य सरकार ने चालू सत्र के लिए यूनिवर्सिटी में प्रवेश प्रतिबंधित कर दिए थे। यह रिपोर्ट यूजीसी को भी भेजी गई थी।
इसके बाद यूजीसी ने छात्रों से यूनिवर्सिटी के फर्जीवाड़े के चलते एडमिशन नहीं लेने के लिए सावचेत किया है। यूनिवर्सिटी में 2014 तक पढ़ाई कर चुके विद्यार्थियों का क्या होगा इस संबंध में सरकार और यूजीसी ने अभी कोई भी निर्णय नहीं लिया है।
जेएनयू के मामले को लेकर राज्य सरकार के उच्च शिक्षा विभाग ने जांच करवाने के लिए विशेष कमेटी बनाई। कमेटी ने प्रथम जांच में माना है कि जोधपुर नेशनल यूनिवर्सिटी ने अपने अधिनियम के प्रावधानों का उल्लंघन किया है।
समिति ने कहा जब तक यूनिवर्सिटी के विरुद्ध जांच प्रक्रिया पूरी नहीं हो जाए, तब तक नए शैक्षणिक सत्र 2015-16 में प्रवेश पर सरकार रोक लगाए, जिससे नए विद्यार्थियों के भविष्य के साथ खिलावड़ होने की संभावना नहीं हो और जांच प्रक्रिया भी प्रभावित नहीं हो।
सरकार ने समिति की प्रथम जांच रिपोर्ट और सिफारिशों को मानते हुए जेएनयू के नए शैक्षणिक सत्र में प्रवेश प्रक्रिया पर 3 जुलाई 2015 को आदेश जारी करके रोक लगा दी थी और अब यूजीसी ने भी रोक लगा दी है।