नई दिल्ली। भारत को कूटनीतक मोर्चे पर एक और बड़ी कामयाबी मिली है। बीते 18 साल से बांग्लादेश की जेल में बंद उल्फा का कुख्यात उग्रवादी अनूप चेतिया भारत को सौंप दिया गया।
चेतिया को 1987 में बांग्लादेश में गिरफ्तार किया गया था। वह तब से ढाका की जेल में बंद था। सूत्रों के अनुसार चेतिया को जल्द ही भारत लाया जाएगा। दिल्ली में चेतिया को लाए जाने की कागजी कवायद लगभग पूरी कर ली गई है।
सूत्रों के अनुसार चेतिया समेत तीनउल्फा नेताओं को बुधवार रात करीब 2 बजे भारत – बांग्लाादेश की सीमा पर सौंपा गया। भारतीय उच्चायोग के जेपी सिंह ने चेतिया के अलावा लक्ष्मी प्रसाद गोस्वामी और बाबल शर्मा की कस्टडी ली।
कौन है अनूप चेतिया
सुनील बरूआ उर्फ अनूप चेतिया असम के उग्रवादी संगठन यूनाइटेड लिबरेशन फ्रंट ऑफ असम का संस्थापक सदस्य है। अनूप चेतिया भारत में हत्या और नरसंहार के कई मामलों में आरोपी है। सूत्रों के अनुसार प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के दखल पर चेतिया को अरेस्ट किया गया।
7 साल की सुनाई गई थी सजा
2002 में बांग्लादेश की अदालत ने उसे सैटेलाइट फोन रखने के मामले में 7 साल जेल की सजा सुनाई थी. उसका असली नाम गोलाप बरुआ है. उसका एक नाम सुनील बरुआ भी बताया जाता है. 1997 में गिरफ्तारी के बाद से वह बांग्लादेश की जेल में हैं।
चेतिया गुरिल्ला युद्ध में पारंगत
असम पुलिस की लिस्ट में उसका नाम मोस्ट वांटेड अपराधियों की सूची में शामिल है। जिसमें उसे सशस्त्र, हिंसक और गुरिल्ला युद्ध में पारंगत बताया गया है. उसकी गिरफ्तारी के बाद से हीं भारत सरकार उसे सौंपने के लिए बांग्लादेश से बात कर रही है। लेकिन बांग्लादेश प्रत्यर्पण संधि न होने के आधार पर इस अर्जी को खारिज करता रहा है।