राजेश तिवारी
उल्हासनगर। उल्हासनगर क्राइम ब्रांच के वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक साहित एक अन्य पुलिस कर्मी ने एक व्यापारी को क्रिकेट मैच के सट्टेबाजी में फ़साने की धमकी देकर आईफोन-6 की रिश्वत लेते हूए ठाणे एंटीकरप्सन ने रंगे हाथो गिरफ्तार किया।
मिली जानकारी के अनुसार उल्हासनगर क्राइम ब्रांच के वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक उत्तम एकनाथ तागंडे ने पिछले दिनों एक अग्रेजी अख़बार में छापी खबर का हवाला देकर धमकी देकर अनिल जयसिंघानी नामक व्यापारी से दो आई फोन-6 व दो लाख रूपये की मांग की थी। जिसकी शिकायत अनिल जयसिंघानी ने ठाणे एंटीकरप्सन से की।
जिसके उपरांत ठाणे एंटीकरप्सन ने अपना जाल बिछाकर शुक्रवार की रात को उल्हासनगर क्राइम ब्रांच के वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक उत्तम एकनाथ तागंडे व राजेश सखाराम निकम को अनिल जयसिंघानि से आई फोन-6 की रिश्वत लेते रंगेहाथ गिरिफ्तार कर लिया।
गौरतलब हो कि वर्ल्ड कप शुरू होने से पहले ही मुंबई पुलिस आयुक्त राकेश मारिया ने एक आदेश जारी किया था कि जिस पोलिस स्टेशन की हद में क्रिकेट बुकी पकडे जायेंगे। उसकी गाज सम्बंधित पोलिस स्टेशन के वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक पर पड़ेगी।
मारिया के इस आदेश के बाद मुंबई के टॉपमोस्ट बुकी ठाणे में अपना अड्डा बना लिए और जब ठाणे पुलिस आयुक्तालय के सह पुलिस आयुक्त क्राइमब्रांच चीफ वी. बी. लक्ष्मी नारायण व पुलिस उपायुक्त पराग मनेरे के भी सख्त रवैये के चलते सटोरियों ने ठाणे को भी सुरक्षित नहीं समझा और उल्हासनगर के बड़े-बड़े सट्टेबाजों ने ग्रामीण इलाका लोनावला, कोल्हापुर, सांगली, नाशिक, पुणे तथा गोवा,शिर्डी को क्रिकेट वर्ल्डकप सट्टेबाजी का अड्डा बना लिया है।जहाँ सट्टेबाज बेरोक-टोक अपने गोरखधंधे को खुलकर अंजाम दे रहे है।
उल्हासनगर शहर में क्रिकेट सट्टेबाज हो राजनेता हो या व्यापारी.उद्योगपति कोई-न-कोई बहाना बनाकर पुलिस की सुरक्षा ले लेते है और लोगों पर रौब जमाते है । उल्हासनगर में जिन लोगों ने पुलिस की सुरक्षा ली है अधिकतर उनपर कोई-न-कोई किसी न किसी पुलिस स्टेशन में अपराधिक मामले जरुर दर्ज है। इसके बावजूद पुलिस बिना जाँच के इन लोगों को पुलिस सुरक्षा दे देती है।
पुलिस के रिकार्ड में शहर के कुख्यात सट्टेबाज अनिल जय सिंघानी को पिछले 18 वर्षो से पुलिस सुरक्षा दी गयी है। सबसे मजे कि बात तो यह है कि 2002 में जब ठाणे क्राइम ब्रांच उपायुक्त ने छापा मारा था उस समय पप्पू चिक्की को गिरफ्तार किया था और अनिल जय सिंघानी पुलिस सुरक्षा के साथ फरार हो गया था। गिरफ्तारी के डर से उसने अग्रीम जमानत लेकर क्राइम ब्रांच के तत्कालीन पुलिस उपायुक्त के समक्ष हाजिर हुआ था।
बुकियों को पुलिस द्वारा दी गयी सुरक्षा और पुलिस सुरक्षा की आड़ में चलाये जाने वाले गोरखधन्धे के खिलाफ कल्याण के भाजपा विधायक नरेन्द्र पवार ने गृह मंत्रालय से शिकायत करते हुए बुकियों को दी गयी पुलिस सुरक्षा तत्काल हटाने की मांग की है और कई दिनों से अंग्रेजी अखबारो में अनिल जयसिंघनि को मिली पुलिस सुरक्षा को लेकर प्रमुखता से खबरे छपी थी।जिससे उल्हासनगर बुकियों को लेकर काफी सुर्ख़ियो में बन गया था। इसी खबर को लेकर पुलिस भी सक्रीय हो गयी थी और वह अपने जुगाड़ में जुट गयी। फर्ज को दरकिनार कर अनिल जय सिंघानी से आई फोन की मांग की और ठाणे एंटीकरप्सन के हत्थे चढ़ गए।