चंडीगढ़। एक सिख संगठन ने मंगलवार को विभिन्न देशों में अपने समुदाय के धार्मिक प्रतीकों पर लगे प्रतिबंध मामले में संयुक्त राष्ट्र से हस्तक्षेप की मांग की है।
दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधन समिति (डीएसजीएमसी) ने संयुक्त राष्ट्र महासचिव से विश्व मंडल के महासभा में एक प्रस्ताव पारित करने का आग्रह किया है।
इस प्रस्ताव में समिति ने विभिन्न देशों में रहने वाले सिखों को अपने धार्मिक प्रतीक पहनने के लिए छूट देने की मांग की है।
संयुक्त राष्ट्र महासचिव को लिखे एक पत्र में डीएसजीएमसी के महासचिव मजिंदर सिंह सिरसा ने सिख गुरुओं द्वारा निर्धारित पांच धार्मिक प्रतीकों या विश्वास के लेखों के महत्व पर प्रकाश डाला है।
इस पत्र में लिखा गया कि प्रत्येक सिख पुरुष और महिला के लिए विश्वास के इन लेखों को पहनना जरूरी है। हमने इस बात पर नजर रखी है कि विभिन्न देशों में सिख समुदाय के लोगों को उस देश द्वारा लागू किए गए नियमों के कारण काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। उन देशों की अदालतों ने सिखों द्वारा कुछ भी गलत किए बिना ही उनके खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज कर लिए हैं।
सिरसा ने कहा कि सबसे बड़ी परेशानी यह है कि देश की सरकार इन मुद्दों को नदरअंदाज कर रही है। समुदाय के सदस्यों की संख्या भले ही कम हो, लेकिन उन्होंने विभिन्न देशों के आर्थिक विकास में काफी बड़ा योगदान दिया है। सिरसा ने संयुक्त राष्ट्र से इस मामलो को प्राथमिक रूप से उठाने की बात की है। फ्रांस, इटली और अन्य देशों में कृपाण, कड़ा और पगड़ी जैसे धार्मिक प्रतीकों को पहनने पर प्रतिबंध लगा दिया है।