इंदौर। मध्यप्रदेश का सबसे बड़ा अस्पताल इन दिनों अव्यवस्थाओं का शिकार है। यहां आए दिन लापरवाही के मामले उजागर होते हैं। अब एक मामला सामने आया है, जिसमें एक बच्चे को ऑक्सीजन की जगह बेहोशी की गैस लगा दी गई, जिसके कारण बच्चे की जान पर बन आई है। बेहोशी की गैस लगाने से बच्चे की धड़कन रुक गई और वह जिंदगी और मौत के बीच संघर्ष कर रहा है।
इंदौर के महाराजा यशवंतराव (एमवाय) अस्पताल में शनिवार को एक डेढ़ साल के बच्चे का छोटा सा ऑपरेशन होना था। इस दौरान उसे बेहोश करने के लिए ऑक्सीजन लगानी थी, लेकिन लगा दी गई बेहोशी की गैस, जिसके चलते सर्जरी के पहले बच्चे की धड़कन रुक गई।
आनन-फानन में बच्चे की हालत खराब होते देख डॉक्टरों ने वेंटीलेटर पर डाल दिया, जहां उसकी हालत गंभीर बनी हुई है। बताया जाता है कि एक दिन पहली भी इसी तरह के मामले में एक आठ वर्षीय बालक की मौत हो चुकी है।
प्रदेश के सबसे बड़े अस्पताल में लगातार दूसरे दिन एक ही जैसी लापरवाही का मामला सामने आना अस्पताल प्रबंधन पर सवालिया निशान खड़े कर रहा है।
जिंदगी के लिए संघर्ष कर रहा है। एक दिन पहले भी इसी वजह से आठ साल के बच्चे की मौत हो चुकी है। घटना के बाद नया ओटी सील कर दिया गया है।
एमवाय अस्पताल के नए मॉड्यूलर पीडियाट्रिक ओटी में लगातार दूसरे दिन गंभीर हादसा हुआ। यहां शुक्रवार को पहली बार सर्जरी हुई थी। इसमें शुक्रवार को ही खंडवा के आठ साल के आयुष पिता गणेश की सर्जरी के दौरान मौत हो गई।
मौत के पीछे एनेस्थीसिया का ज्यादा डोज माना जा रहा था, लेकिन दूसरे ही दिन शनिवार को जावरा के डेढ़ साल के राजवीर पिता बालाराम प्रजापत की माइनर सर्जरी थी, लेकिन गलत गैस लगने से बच्चे की हालत बिगड़ गई।
परिजन का आरोप है कि हमने हंसता-खेलता बच्चा डॉक्टरों को सौंपा था और दो घंटे बाद हमें मरणासन्न हालत में बच्चा दिया। फिलहाल एमवाय एच की नया ओटी सील कर दिया गया है।
लगातार दो हादसों के बाद अस्पताल प्रशासन ने पता किया तो डॉक्टरों के भी होश उड़ गए। गैस सप्लाई में जानलेवा गड़बड़ी सामने आई, जिस पाइप से ऑक्सीजन गैस आती है, उसमें नाइट्रस वाले पाइप जोड़ दिए गए थे।
ओटी शुरू होने के बाद गैस सप्लाई कनेक्शन की जांच भी नहीं की गई। इसका खामियाजा दो बच्चों ने भुगता। गैस सप्लाई व कनेक्शन जोड़ने का काम पीडब्ल्यूडी के टेक्नीशियन राजेंद्र चौधरी ने किया था।
यह गलती उसने मेडिकल कॉलेज में लिखित में स्वीकार भी कर ली। कॉलेज प्रशासन ने संयोगितागंज थाने में उसके खिलाफ एफआईआर की सिफारिश की है।