चित्तौडग़ढ़। विश्व विख्यात चित्तौडग़ढ़ दुर्ग के परकोटे की जर्जर स्थिति के चलते शनिवार दोपहर एक स्थान पर परकोटे की दीवार गिर गई। कोई जनहानि नहीं हुई है लेकिन विश्व धरोहर में शामिल इस दुर्ग को संरक्षण की जरूरत है। दो दिन पहले ही जैसलमेर के सोनार किले के परकोटे का एक भाग मरम्मत के दौरान गिरा था।
जानकारी अनुसार दुर्ग के प्रथम प्रवेश द्वार पाडनपोल के समीप स्थित परकोटे की करीब दस फीट लम्बी दीवार शनिवार दोपहर अचानक भरभराकर गिर पड़ी। गनीमत रही कि नीचे की ओर बनी दीवार पर सारा मलबा अटक गया अन्यथा नीचे सडक़ पर मलबा गिरता तो बड़ा हादसा हो सकता था।
मौके पर पुरातत्व विभाग सहित अन्य अधिकारी भी पहुंचे और मुआयना किया। हाल ही शहर में हुई अतिवृष्टि के चलते इस दीवार के कमजोर होकर गिर जाने का अंदेशा जताया जा रहा है।
गौरतलब हो कि विश्व धरोहर में शामिल इस दुर्ग के 14 किलोमीटर लम्बे परकोटे की दीवारें कई जगह क्षतिग्रस्त है, जिन्हें सुधारने की जरूरत है। केंद्र व युनेस्को से इसके लिए करीब पांच करोड़ रूपये स्वीकृत हो चुके है लेकिन पैसा अभी मिला नहीं है।
यहां के कई स्मारक भी क्षतिग्रस्त है वहीं दुर्ग का प्रमुख आकर्षण विजय स्तम्भ भी क्षतिग्रस्त हो गया है जिसे अभी बंद कर काम किया जा रहा है। पर्यटकों को आने वाले सीजन में विजय स्तम्भ पर जाने की अनुमति नहीं है।