जयपुर। पिछले बजट की तुलना में इस बार का बजट राजस्थान के लिए अच्छा कहा जा सकता है। पहले राजस्थान का नाम तक नहीं आया था, लेकिन इस बार तीन जगह राजस्थान का नाम पढऩे को मिला।
राजस्थान को नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ फार्मा एजुकेशन एवं रिसर्च की सौगात मिली। साथ ही, धरोहर संरक्षण योजना के तहत राजस्थान की ऐतिहासिक समृद्धि के परिचायक किलों के रखरखाव के लिए आर्थिक मदद भी मिलेगी। इधर, जयपुर मेट्रो के लिए राजस्थान सरकार को केन्द्र से आर्थिक सहायता दी जाएगी।
लोकसभा चुनाव में राजस्थान की सभी 25 सीटों पर भाजपा की जीत के बावजूद पिछले बजट में प्रदेशवासियों को निराशा हाथ लगी थी। राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने सूरतगढ आए हाल ही आए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से आग्रह किया था कि इस बजट में राजस्थान नाम पढऩे को मिलना चाहिए।
मोदी सरकार ने राजे के आग्रह को कुछ हद स्वीकार किया। राजस्थान को नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ फार्मा एजुकेशन एंड रिसर्च को लेकर राजस्थान के पूर्व औषधि नियंत्रक डी.के. श्रंगी का कहना है कि प्रदेश में फार्मा उद्योग की खस्ता हाल स्थिति को बेहतर बनाने की उम्मीद जगी है। राजस्थान में फार्मा की पढ़ाई का गिरता स्तर भी काफी हद तक सुधर सकेगा।
इधर, धरोहर संरक्षण योजना के तहत विश्वविख्यात आमेर, चित्तौडग़ढ़, जैसलमेर, रणथम्भौर, कुम्भलगढ़ तथा गागरोन किलों को शामिल किया गया है। इनके जीर्णोद्धार व रखरखाव में केन्द्र से वित्तीय सहायता मिलने से राजस्थान के पर्यटन क्षेत्र में निखार आएगा।
जयपुर में मेट्रो चलने का बेसब्री से इंतजार किया जा रहा है। इस बजट में 11 शहरों को मेट्रे रेल परियोजना के लिए 8200 करोड़ रुपए का प्रावधान रखा गया है। मैट्रो परियोजना के अधिकारी अश्विनी कुमार का कहना है कि परियोजना के पहले फेज के तहत एक रूट तैयार है।
दूसरा रूट जिसकी लागत करीब दस हजार करोड रूपए है, उसका काम चल रहा है। फिलहाल राज्य सरकार की ओर से फंडिंग का पैटर्न तय नहीं किया है। इस कारण केन्द्र से पहले फेज का 20 प्रतिशत ही अभी नहीं ले सके हैं।