नई दिल्ली। अपने दूसरे पूर्ण बजट को पेश करते हुए वित्तमंत्री अरुण जेटली ने भारतीय अर्थव्यवस्था की मजबूती को लेकर भरोसा जताया है।
वित्त मंत्री जेटली ने संसद में कहा कि वैश्विक स्तर पर आर्थिक हालात लगातार मंदी की ओर इशारा कर रहे हैं, इसके बावजूद भारतीय अर्थव्यवस्था पिछले दो साल में खुद को मजबूती से खड़ा रखने में सफल हो पाई है।
सोमवार को संसद में वर्ष 2016 का बजट पेश करते हुए वित्तमंत्री ने सदन को बताया कि वैश्विक अर्थव्यवस्था में मंदी का दौर थमा नहीं है। दुनिया के कई देश बुरे आर्थिक हालात से गुजर रहे हैं।
वैश्विक अर्थव्यवस्था में साल 2014 में जहां 3.4 फीसदी विकास दर देखी गई थी, वो साल 2015 में गिरकर 3.1 फीसदी हो गई है, जो चिंताजनक है। इसके बावजूद भारतीय अर्थव्यवस्था का प्रदर्शन पिछले दो साल से वैश्विक अर्थव्यवस्था की तुलना में बेहतर रहा है।
उदाहरण के तौर पर पिछले दो साल से कमजोर मॉनसून के बावजूद महंगाई दर को हम 5.4 फीसदी पर लाने में सफर हुए हैं, जो अपने आप में एक बड़ा काम है। साथ ही हमारी सरकार के इन वर्षों में विकास दर में हम 7.6 फीसदी की वृध्दि करने में सफल हुए हैं।
अर्थव्यवस्था कायाकल्प के लिए नौ स्तंभों पर काम करने की घोषणा
जेटली ने कर सुधार, कारोबार सुगमता और राजकोषीय अनुशासन समेत नौ स्तंभों पर कार्य करने की घोषणा की ताकि भारतीय अर्थव्यवस्था का कायाकल्प किया जा सके। वित्त वर्ष 2016-17 का आम बजट पेश करते हुए उन्होंने कहा कि इन स्तंभों में प्रशासन में सुधार पर जोर भी शामिल है।
इन नौ स्तंभों में कृषि और ग्रामीण अवसंरचना, शिक्षा एवं कौशल विकास भी शामिल हैं। इसके तहत 2022 तक कृषि आय दोगुनी करने का लक्ष्य है। उन्होंने कहा कि सरकार सामाजिक क्षेत्रों, शिक्षा तथा कौशल विकास और रोजगार सृजन पर जोर देगी ताकि ज्ञान आधारित और उत्पादक अर्थव्यवस्था तैयार की जा सके।
जेटली ने कहा कि सरकार बुनियादी ढांचा निवेश, वित्तीय क्षेत्र सुधार, राजकोषीय अनुशासन और कर सुधार पर भी ध्यान देगी ताकि अनुपालन का बोझ कम हो।