जयपुर। भाजपा प्रदेशाध्यक्ष अशोक परनामी ने केन्द्रीय बजट की सहराना की है। उन्होंने कहा कि बजट समाज के सभी वर्गों को एक अभूतपूर्व तरीके से समाहित करते हुए एक नए भारत की अर्थव्यवस्था की ओर ले जाने वाला है।
भाजपा मुख्यालय पर पत्रकारों से चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि कराधन में गहरे सुधारों, राजनैतिक पार्टियों की फंड़िंग, जी.एस.टी. सुधारों के साथ प्रशासनिक तैयारी प्रमुख रूप से प्रशंसनीय है। गांवों व गरीबों हेतु इससे पूर्व कोई भी बजट इतना केन्द्रित नहीं रहा हैं। महिलाओं के विषय पर शक्ति केन्द्रों की स्थापना एक बड़ा कदम है।
यह बजट राष्ट्रवादी बजट हैं, गांधीवाद से परिपूर्ण है और अन्त्योदय को समर्पित है। सरकार अब जनता के धन की प्रमुख व विश्वसनीय रक्षक बन चुकी हैं। हम देश की जनता का उनके मजबूत समर्थन हेतु धन्यवाद देते हैं। इस बजट से केन्द्र शासित भाजपा सरकार की नीति आधारित जनसहभागिता व गुड गवर्नेंस की भावना स्पष्ट हुई है।
सबका साथ सबका विकास की शुरूआत महिला सशक्तिकरण के साथ होती है। इस बजट में महिलाओं के लिए विशिष्ट व अभूतपूर्व प्रावधान किए गए है। फसल बीमा योजना में 40 प्रतिशत की वृद्धि किसानों के हित में बड़ा कदम है। डेयरी हेतु नाबार्ड़ को 8000 करोड़ का फंड़ दिया जाना एक अभिनव कदम है। किसानों का ऋण 10 लाख करोड़ किया जाना एक अभूतपूर्व कदम है।
अगले वर्ष 01 मई तक सभी गांवों में बिजली पहुंचाने का लक्ष्य सभी देशवासियों के जीवन में प्रकाश फैलाने का कार्य करेगा। एससी वर्ग पर 35 प्रतिशत आर्थिक व्यय शिक्षा पर क्रांतिकारी सुधारों का निर्णय है। बजट का कुल खर्च 21.47 लाख रूपए है जिसमें इन्फ्रास्ट्रक्चर पर विशेष ध्यान दिया गया है।
रक्षा पर 02.74 लाख करोड़ रूपए का व्यय एवं एफ.डी.आई. में 36 प्रतिशत की वृद्धि से यह बजट अतुलनीय है। टेक्स स्लैब में केन्द्र सरकार ने मध्यम वर्ग को राहत दी है और साथ ही असमानता दूर करने का भी प्रयत्न किया है। नोटबंदी के बाद जो सामाजिक निवेश बढ़ना चाहिए था वह इस बजट से बढ़ा है। 5
0 हजार ग्राम पंचायतों को 2019 तक गरीबी से मुक्त करना एक बड़ी घटना है। उन्होंने कहा कि मनरेगा में अब तक का सर्वाधिक 48 लाख करोड़ रूपए का फंड़ दिया गया है जो गरीब कल्याण वर्ष को समर्पित एक मील का पत्थर साबित होगा। वरिष्ठ नागरिकों को एल.आई.सी. के माध्यम से 8 प्रतिशत ब्याज देना उनकी सुरक्षा को सुनिश्चित करता है। शिक्षा के क्षेत्र में बड़े सुधार हुए है और कृषि के क्षेत्र में 24 प्रतिशत से व्यय बढ़ा है।