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union budget 2017-18 : no service charge on rail e-ticket from 1 april
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यात्रियों को रेलवे के ई- टिकट पर नही देना होगा सर्विस टैक्स

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यात्रियों को रेलवे के ई- टिकट पर नही देना होगा सर्विस टैक्स
union budget 2017-18 : no service charge on rail e-ticket from 1 april
union budget 2017-18 : no service charge on rail e-ticket  from 1 april
union budget 2017-18 : no service charge on rail e-ticket from 1 april

नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने रेल बजट अलग से पेश करने की परंपरा को तोड़ते हुए पहली बार आम बजट में ही रेल बजट को शामिल किया है। वित्तमंत्री अरुण जेटली ने अलग रेल बजट पेश करने की पुरानी परंपरा खत्म करते हुए खुद ही रेलवे के लिए बजट प्रावधानों की घोषणा की।

2017-18 के आम बजट में केंद्र सरकार ने रेलवे के लिए 1 लाख 31 हजार करोड़ का प्रावधान किया है। रेलवे के लिए चार क्षेत्रों पर प्रमुखता से ध्यान दिया गया है। ये चार प्रमुख क्षेत्र सुरक्षा, सुविधा, स्वच्छता और विकास हैं। वित्त मंत्री अरूण जेटली ने अपने बजट भाषण में कहा कि यात्रियों को रेलवे के ई टिकट पर सर्विस टैक्स नहीं देना होगा।

यात्रा के दौरान एसएमएस से ‘क्लीन माय कोच सर्विस’ की सुविधा प्रदान की जाएगी। रेलवे अतिरिक्त संसाधनों से पैसा जुटाने की कोशिश करेगा। वित्तमंत्री अरूण जेटली ने कहा कि साल 2020 तक ब्रॉडगेज से मानवरहित क्रॉसिंग खत्म की जाएगी। केंद्र सरकार रेलवे संरक्षा के लिए एक लाख करोड़ रुपये का प्रावधान करेगी। स्टेशनों पर लिफ्ट और एस्केलेटर्स लगाए जाएंगे। इसकी शुरुआत 300 स्टेशनों से होगी।

2,000 रेलवे स्टेशन पूरी तरह सौर ऊर्जा से संचालित होंगे। कोच मित्र सुविधा, जहां सारे कोच संबंधित सुविधा दी जाएगी। साल 2019 तक सभी रेल कोचों में बायो टॉयलट लगेंगे। पर्यटन और तीर्थ के लिए स्पेशल ट्रेनों की भी घोषणा की गई। 3,500 किमी की नई रेलवे लाइन बिछेगी। रेलवे कृषि प्रॉडक्ट्स ढुलाई के लिए विशेष व्यवस्था करेगी।

वित्त मंत्री ने कहा कि कैशलेस रिजर्वेशन 58 फीसदी से बढ़कर 68 फीसदी हो गया है। जेटली ने कहा कि मेट्रो रेल की नई पॉलिसी के लिए घोषणा की जाएगी। इतना ही नहीं, रेल कंपनियों को शेयर बाजार में लिस्ट किया जाएगा। आईआरसीटीसी भी इसमें शामिल होगी।

प्रधानमंत्री मुद्रा योजना (पीएमएमवाई) के अंतर्गत वंचित वर्गों को ऋण देने में उल्लेखनीय योगदान के बारे में बताते हुए जेटली ने कहा कि इस योजना के तहत बजट लक्ष्य दोगुना कर 2.44 लाख करोड़ कर दिया गया है। बैंकों के स्ट्रेेस्डन लिगेसी एकाउंट के समाधान के लिए जेटली ने बैंकों के पुनर्पूंजीकरण के वास्ते 10,000 करोड़ रुपए का प्रावधान किया है और आवश्यकता पड़ने पर इसके लिए अतिरिक्त आबंटन करने का आश्वासन दिया है।

उन्होंने कहा कि शेयर बाजारों में चिह्नित सरकारी क्षेत्र के उद्यमों को समयबद्ध रूप से सूचीबद्ध करना सुनिश्चित करने के लिए सरकार संशोधित तंत्र प्रक्रिया लागू करेगी। उन्होंने कहा कि पिछले बजट में घोषित विनिवेश नीति जारी रहेगी। वित्त मंत्री ने कहा कि 10 सीपीएसई के शेयरों से बने एक्सचेंज ट्रेड फंड (ईटीएफ) को हाल ही में अच्छी प्रतिक्रिया मिली है।

सरकार शेयरों में आगे विनिवेश के लिए इटीएफ का उपयोग करती रहेगी। उन्होंने कहा कि इसी अनुसार विविधीकृत सीपीएसई स्टॉकों और अन्य सरकारी धारिता के साथ एक नया ईटीएफ 2017-18 में शुरू किया जाएगा। जेटली ने कहा कि बैंकों के स्ट्रेेस्ड लिगेसी एकाउंट के समाधान पर विशेष ध्यान देना जारी रहेगा।

शोधन, अक्षमता और दिवालियापन संहिता अधिनियम और सरफेसी तथा ऋण वसूली अधिकरण अधिनियमों में संशोधन कर समाधान सुविधाजनक बनाने के लिए कानूनी ढांचे को सुदृढ़ किया गया है। उन्होंंने कहा ‘इन्द्रधनुष’ कार्ययोजना की तर्ज पर 2017-18 में बैंकों के पुनर्पूंजीकरण के लिए 10,000 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है।

जेटली ने कहा कि प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के अंतर्गत 2017-18 में ऋण देने के लिए 2.44 लाख रुपये का प्रस्ताव किया गया है। उन्होंने कहा कि इसमें दलितों, जनजातियों, पिछड़े वर्गों, अल्पसंख्यकों और महिलाओं को प्राथमिकता दी जाएगी।

जेटली ने कहा कि दलितों, जनजातियों और महिला उद्यमियों को हरित क्षेत्र उद्यम स्थापित करने तथा रोजगार सृजक बनने में सहायता के लिए स्टेंडअप इंडिया योजना का शुभारंभ अप्रैल 2016 में किया गया था। इस योजना के जरिए 16,000 से अधिक नए उद्यमी खाद्य प्रसंस्करण, परिधान, डायग्नोस्टिक सेंटर जैसे विविध कार्य करने लगे हैं।

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