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union budget 2017-18 : only 3.70 crore income tax payers in country
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देश में 130 करोड़ की आबादी में से सिर्फ 3.70 करोड़ लोग आयकर दाता

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देश में 130 करोड़ की आबादी में से सिर्फ 3.70 करोड़ लोग आयकर दाता
union budget 2017-18 : only 3.70 crore income tax payers in country
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union budget 2017-18 : only 3.70 crore income tax payers in country

नई दिल्ली। पहली बार किसी वित्तमंत्री ने संसद में माना कि हमारा समाज टैक्स देने से बचने वाला समाज है, और ये नोटबंदी के दौरान बैंकों में जमा राशि के आंकड़ों के विश्लेषण के आधार पर अब कहा जा सकता है।

वित्तमंत्री ने संसद को बताया कि देश में केवल 3.70 करोड़ लोगों ने आयकर रिटर्न फाइल किया है, इसका मतलब साफ है कि देश के लगभग 130 करोड़ लोगों में से सिर्फ 3.70 करोड़ लोग ही आयकर दाता हैं।

संसद में आम बजट पेश करते हुए वित्तमंत्री ने बताया कि 3.70 करोड़ आयकरदाताओं में से 99 लाख ने अपनी आय 5 लाख रुपए सालाना से कम बताई। वहीं देश में केवल 76 लाख लोगों ने अपनी आय 5 लाख रुपये सालाना से ज्यादा बताई। केवल 24 लाख लोगों ने अपनी आय 10 लाख रुपये सालाना से ज्यादा बताई है।

वहीं विदेश यात्री करने वालों का आंकड़ा दो करोड़ से ज्यादा का है। मतलब देश में दो करोड़ से ज्यादा लोग विदेश काम या घूमने के लिए जाते हैं, लेकिन आयकरदाताओं से जुड़े आंकड़े देखने पर इतने अमीर लोग देखने को नहीं मिलते।

इसी तरह देश में 25 लाख से ज्यादा लक्ज़री कारों की सालाना बिक्री होती है, लेकिन 10 लाख से ज्यादा आय दिखाने वाले केवल 24 लाख लोग हैं। आयकर देने के मामले में व्यापारी जगत के आंकड़े भी चौंकाने वाले हैं। 5.60 करोड़ पंजीकृत व्यापारियों की तुलना में केवल 1.81 करोड़ व्यापारियों ने ही टैक्स दिया है।

इसी तरह देश में पंजीकृत 13.94 लाख कंपनियों में से केवल 5.97 लाख कंपनियों ने टैक्स रिटर्न फाइल किया। चौंकाने वाला तथ्य ये है कि इनमें से 2.76 लाख कंपनियों ने अपना मुनाफा शून्य बताया।

टैक्स छुपाने की जादूगरी पर शिकंजा, रिटर्न फाइल में देरी पर जुर्माना

वित्तमंत्री अरुण जेटली ने टैक्स छुपाने में मदद करने वाले चॉर्टेड एकाउंटेंट, टैक्स वेल्यूवर और बैंकर को रोकने के लिए नए प्रस्ताव की घोषणा की। इसके तहत अब टैक्स को लेकर गलत जानकारी का प्रमाणपत्र जारी करने पर आवेदक को हर गलती पर जुर्माना देना होगा। इसी तरह टैक्स रिटर्न फाइल करने में देरी करने पर भी अब जुर्माना देना होगा।

आम बजट के दौरान वित्तमंत्री ने ऐलान किया कि टैक्स छुपाने में मददगार चॉर्टेड एकाउंटेंट, टैक्स वेल्यूवर और बैंकर की हर गलती का खमियाजा अब आवेदक को भुगतना होगा। यदि कोई अपने चॉर्टेड एकाउंटेंट, टैक्स वेल्यूवर और बैंकर से टैक्स को लेकर गलत जानकारी देकर प्रमाणपत्र बनवाता है, तो ऐसे में आवेदक को हर गलती पर 10 हजार रुपए का जुर्माना देना होगा।

दरअसल नोटबंदी के दौरान सामने आए आंकड़ों से ये खुलासा हुआ कि लाखों-करोड़ों की राशि बैंकों में जमा करने वाले लोग पिछले कई साल से टैक्स को लेकर गलत जानकारी देते प्रमाण-पत्र पेश कर रहे थे। बजट के दौरान वित्तमंत्री ने बताया कि करीब तीन लाख कंपनियां ऐसी हैं , जिन्होंने अपना मुनाफा शून्य बताया और ये सब बिना चॉर्टेड एकाउंटेंट, टैक्स वेल्यूवर और बैंकर की मदद से नहीं हो सकता था।

इसके अलावा सरकार ने टैक्स रिटर्न फाइल करने में देरी होने पर भी जुर्माना लगाने का प्रस्ताव किया है। सरकार के मुताबिक टैक्स रिटर्न फाइल करने को लेकर लोग लापरवाह होते हैं, जिसे रोकने के लिए ऐसे कदम उठाना जरुरी हो गया था।