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भूमि अधिग्रहण कानून में संशोधन को मंजूरी - Sabguru News
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भूमि अधिग्रहण कानून में संशोधन को मंजूरी

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union cabinet  approves ordinance to  amend land acquisition act
union cabinet approves ordinance to amend land acquisition act

नई दिल्ली। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने सोमवार को भूमि अधिग्रहण कानून में संशोधन के लिए एक अध्यादेश को मंजूरी दे दी। अध्यादेश में कानून में निर्धारित अनिवार्यताओं में से पांच और क्षेत्रों को बाहर रखा गया।

मंत्रिमंडल की बैठक के बाद केंद्रीय वित्त मंत्री अरूण जेटली ने कहा कि किसानों के हित और औद्योगिक विकास के बीच संतुलन कायम करने की जरूरत है। जेटली ने कहा कि पांच क्षेत्रों में शामिल हैं -रक्षा उद्देश्य, ग्रामीण अवसंरचना, सस्ते मकान और गरीबों के लिए आवासीय परियोजना, औद्योगिक गलियारे और अवसंरचना या सामाजिक अवसंरचना (इनमें ऎसी सार्वजनिक-निजी परियोजनाएं भी शामिल होंगी, जिसमें भूमि की मिल्कियत सरकार के पास रहेगी) के लिए भूमि को मंजूरी।

जेटली ने कहा कि कानून के मुताबिक मुआवजा राशि ऊंची होगी और पुनर्वास तथा स्थानांतरण कार्य को अंजाम दिया जाएगा, लेकिन इन परियोजनाओं के लिए भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया आसान होगी। इसमें सामाजिक प्रभाव मूल्यांकन, खाद्य सुरक्षा मुल्यांकन और 80 फीसदी भूस्वामियों की सहमति तथा कानून में उçल्लखित अन्य कई प्रावधानों को नहीं अपनाया जाएगा।

मंत्री ने कहा कि कानून में कई खामियां रह गई हैं। उन्होंने कहा कि हमने इस कानून में एक संतुलन स्थापित कर लिया है। इन पांच विकास गतिविधियों में प्रक्रिया में ढील दी गई है और उच्च मुआवजा राशि, पुनर्वास और स्थानांतरण को पूर्ववत कायम रखा गया है। ये पांच लक्ष्य विकास और ग्रामीण विकास से संबंधित हैं।

यह पूछे जाने पर कि जिन मामलों में छूट दी गई है, उसके दायरे में एक विशाल क्षेत्र आ जाता है, जेटली ने कहा कि ऎसा नहीं करने पर हम अवसंरचना कैसे बनाएंगे। हमें इसके लिए भूमि की जरूरत होगी। भूमि अधिग्रहण कानून में राजमार्ग, सिंचाई के नहरों, रेलमार्गो, बंदरगाहों जैसी सभी रैखिकीय परियोजनाओं के लिए भूमि अधिग्रहण को अनिवार्यताओं से बाहर रखा गया है।

कानून के प्रावधान 13 मौजूदा कानूनों के तहत भूमि अधिग्रहण पर भी लागू नहीं होते हैं, जिनमें मुख्य रूप से विशेष आर्थिक जोन अधिनियम-2005, परमाणु ऊर्जा अधिनियम-1962 और रेलवे अधिनियम-1989 जैसे कानून शामिल हैं।

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