नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय कैबिनेट ने जम्मू संभाग के पहाड़ी क्षेत्र के आतंकवाद से प्रभावित प्रवासियों को कश्मीरी विस्थापितों के समान राहत उपलब्ध कराने को मंजूरी दी है। प्रतिवर्ष इसका कुल अनुमानित व्यय 13.45 करोड़ रुपआंतकवाद से प्रभावित प्रवासियों को मोदी की सौगात होगा।
विशेष रूप से अपने आरंभिक चरण में (1990 के दशक), आतंकवादी हिंसा / जम्मू -कश्मीर में आतंकवाद की वजह से कश्मीर घाटी में बड़े पैमाने पर लोगों को घाटी से पलायन करने को मजबूर कर दिया था।
घाटी से पलायन करने वाले परिवारों के अलावा, कई परिवार जम्मू संभाग के विभिन्न पहाड़ी क्षेत्रों से सुरक्षा कारणों की वजह पास के शहरों में सुरक्षित स्थानों पर चले गए थे। वर्तमान में लगभग 1054 जम्मू प्रवासी परिवार पंजीकृत हैं।
वर्तमान में जम्मू-कश्मीर की राज्य सरकार 400 रूपए प्रति व्यक्ति प्रति माह नकद राहत प्रदान की जा रही है (अधिकतम 1600 रुपए प्रति माह प्रति परिवार), प्रति मवेशी 300 रूपए की नकद सहायता, जम्मू के पहाड़ी क्षेत्रों के प्रवासियों के लिए चारे की खरीद और सूखा राशन (9 किलो आटा, 2 किलो चावल प्रति माह प्रति व्यक्ति और प्रति परिवार प्रति माह 10 लीटर मिट्टी के तेल) प्रदान की जाती है।
नए प्रस्ताव से जम्मू के पहाड़ी क्षेत्र के विस्थापितों को प्रदान की जा रही राहत में कश्मीरी विस्थापितों के बराबर वृद्धि होगी जो प्रति व्यक्ति 2500 रूपए नकद प्रतिमाह होगी ( अधिकतम 10000 रूपये प्रति माह प्रति परिवार) इसके साथ राशन और चारे में भी सहायता प्रदान की जाएगी। इस संबंध में राज्य सरकार द्वारा किए गए व्यय की प्रतिपूर्ति अब भारत सरकार द्वारा की जाएगी।