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अरुणाचल प्रदेश में राष्ट्रपति शासन लगाने की सिफारिश - Sabguru News
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अरुणाचल प्रदेश में राष्ट्रपति शासन लगाने की सिफारिश

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अरुणाचल प्रदेश में राष्ट्रपति शासन लगाने की सिफारिश
union cabinet Recommends President's rule in Arunachal Pradesh
union cabinet Recommends President's rule in Arunachal Pradesh
union cabinet Recommends President’s rule in Arunachal Pradesh

नई दिल्ली। केंद्रीय कैबिनेट ने रविवार को अरुणाचल प्रदेश में राष्ट्रपति शासन लागू करने की सिफारिश कर दी। सूत्रों केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में मुहर लगने के बाद प्रस्ताव राष्ट्रपति को भेज दिया गया है। कैबिनेट ने राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी से राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाने की सिफारिश की है।

जानकारी हो कि अरुणाचल प्रदेश में पिछले साल दिसंबर माह के मध्य राजनीतिक संकट शुरू हो गया था, जब कांग्रेस के विधायकों ने पार्टी से बगावत कर दिया था। बागी विधायकों ने भाजपा के ग्यारह सदस्यों और दो निर्दलीय विधायकों ने साथ मिल कर विधानसभा अध्यक्ष नबाम रेबिया पर ‘महाभियोग’ चलाया था। जिसे विधानसभा अध्यक्ष ने ‘अवैध और असंवैधानिक’ बताया था। इसके बाद राज्य के मुख्यमंत्री तुकी ने केन्द्र पर आरोप लगाया था कि राज्यपाल ज्योति प्रसाद राजखोवा भाजपा एजेंट के तौर पर काम कर रहे हैं। उन्होंने ही सरकार गिराने के लिए कांग्रेस के विधायकों से बगावत कराई थी।

राज्य सरकार ने दिसंबर में विधानसभा बिल्डिंग सील करा दी थी लेकिन बागी विधायकों ने एक होटल में ही सत्र बुला लिया था। इससे पहले स्पीकर ने कांग्रेस के बागी 14 विधायकों की सदस्यता रद्द कर दी थी लेकिन डिप्टी स्पीकर ने यह अविश्वास प्रस्ताव लाने से पहले उन सभी की सदस्यता बहाल कर दी थी। 14 जनवरी को गुवाहाटी हाई कोर्ट ने विधानसभा के दिसंबर के उस दो दिन के सत्र को ही रद्द कर दिया था। मामला सुप्रीम कोर्ट भी पहुंचा लेकिन कोर्ट ने इस सियासी लड़ाई की याचिकाएं संविधान पीठ को भेज दी हैं, जो न्यायाधीन हैं।

अरुणाचल में राष्ट्रपति शासन का कांग्रेस और आप ने विरोध किया

अरुणाचल प्रदेश में राष्ट्रपति शासन लगने की कांग्रेस और आम आदमी पार्टी ने आलोचना की है। आप पार्टी ने इसे लोकतंत्र की हत्या करार दिया है। वहीं कांग्रेस के मुताबिक यह फैसला जानलेवा है। अरुणाचल प्रदेश में राष्ट्रपति शासन लगाने का विरोध करते हुए कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल ने रविवार को सवाल किया कि जब यह मामला उच्चतम न्यायालय में है और पांच सदस्यों की संविधान पीठ इसकी सुनवाई कर रही है तो फिर कैसे राष्ट्रपति शासन की सिफारिश की जा सकती है? सिब्बल के मुताबिक कैबिनेट का यह फैसला जानलेवा है। जानकारी हो कि संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान भी अरुणाचल प्रदेश के इस मुद्दे पर कांग्रेस ने जमकर हंगामा किया था।

इसके अलावा दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने भी इसे चौंकाने वाला फैसला करार देते हुए कहा है कि गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर केंद्र ने लोकतंत्र की हत्या करने वाला फैसला लिया है। भाजपा चुनाव हारने के बाद पिछले दरवाजे से सत्ता हथियाने की कोशिश कर रही है। पिछले ही महीने राज्य की कांग्रेस सरकार को सदन में अपने ही नाराज विधायकों और बीजेपी विधायकों द्वारा लाए गए अविश्वास प्रस्ताव में हार का सामना करना पड़ा था।