नई दिल्ली। यूनिटेक के प्रबंध निदेशकों संजय चंद्रा और अजय चंद्रा को यहां एक स्थानीय अदालत ने सोमवार को 3 माह की अंतरिम जमानत दी है।
आर्थिक अपराध शाखा ने संजय चंद्रा और अजय चंद्रा पर कथित रूप से ग्राहकों के साथ धोखाधड़ी करने तथा ग्राहकों का धन बेइमानी से हड़पने के आरोप में मामला दर्ज किया है।
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश राज कपूर ने चंद्रा बंधुओं को 70-70 लाख रुपये के मुचलके पर तीन महीने की अंतरिम जमानत दी है।
अदालत ने इसके अलावा आरोपियों को अपना पासपोर्ट जांच एजेंसी को सौंपने तथा बिना पूर्व सूचना के देश नहीं छोड़ने का आदेश जारी किया है।
इससे पहले 6 अप्रेल को अतिरिक्त मुख्य महानगर दंडाधिकारी अंशु गर्ग ने चंद्रा बंधुओं की जमानत याचिका खारिज करते उन्हें 20 अप्रेल तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया था।
उन पर खरीदारों के साथ धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया गया है। उन्होंने गुरुग्राम के सेक्टर 70 में एक रियल एस्टेट परियोजना को न तो समय पर पूरा किया और न ही ग्राहकों के पैसे लौटाए।
दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा के अधिकारियों ने चंद्रा बंधुओं को एक अप्रेल को उनके गुरुग्राम स्थित घर से गिरफ्तार किया था। इसके बाद अदालत ने उन्हें उसी दिन दो दिन की पुलिस हिरासत में भेजा था।
दोनों भाइयों के खिलाफ इस परियोजना से जुड़ीं 90 शिकायतें मिली हैं। यह परियोजना साल 2011 में बिना पर्यावरणीय मंजूरी के ही शुरू हुई थी। यूनिटेक ने पर्यावरण मंजूरी साल 2013 के सितंबर में हासिल की।
आरोपियों ने इससे पहले बिना पर्यावरणीय मंजूरी के ही फ्लैटों की बूकिंग शुरू कर दी थी और निवेशकों से सही बात छुपाई थी और उन्हें गलत जानकारी दी थी। यह परियोजना साल 2014 में पूरी होनी थी।
आरोपियों के आपराधिक साजिश, धोखाधड़ी और आपराधिक विश्वासघात के आरोप में मामला दर्ज किया गया है।
पुलिस ने शनिवार को कोर्ट को बताया कि यूनिटेक ने एंथेआ फ्लोर्स आवासीय परियोजना के लिए 557 ग्राहकों से कुल 363 करोड़ रुपए लिए थे।
साल 2015 में भी अदालत ने उनपर धन के दुरुपयोग के मामले में गैरजमानती वारंट जारी किया था, जिसे बाद में रद्द कर दिया गया था।
संजय चंद्रा पर 2जी स्पेक्ट्रम आवंटन मामले में भी मुकदमा चल रहा है और इस मामले में वह फिलहाल जमानत पर हैं।