
लखनऊ। रविवार को यूपी बोर्ड का परिणाम आया तो मेधावी छात्रों में हार्षित हो गए। इसी दौरान राजधानी की टॉपर रही सरिता रानी को इस बात की खुशी तो है लेकिन वह इसे बड़ा अचीवमेंट नहीं मानती है।
एसएस भूपति मेमोरियल इंटर कॉलेज में पढ़ने वाली सरिता ने 96.20 प्रतिशत अंक हासिल किए हैं। उनके पिता बहादुर कैंसर की बीमारी से पीड़ित हैं। वह उनका इलाज करवा कर उन्हें फिर से ठीक देखना चाहती हैं। यही उनके जीवन का सबसे बड़ा उद्देश्य है।
सरिता की छोटी बहन रिचा भी उसी स्कूल में ग्यारहवीं की छात्रा हैं। वह भी श्वेता की तरह पढ़ने में काफी तेज हैं। सरिता ने बताया कि परीक्षा के दौरान उनकी बहन भी उनके साथ देर रात तक पढ़ती थी। वह अपनी बहन को पढ़ाते-पढ़ाते काफी कुछ रिवाइज कर लेती थीं।
सरिता के पिता सीआरपीएफ से रिटायर्ड हैं। वह फेफड़े के कैंसर से जूझ रहे हैं। अपनी बेटी की कामयाबी पर वह बहुत खुश हैं। उन्होंने कहा, मेरी बेटियां बेटों से बढ़कर हैं। मेरे सारे सपने साकार करेंगी। तीनों ही बेटियां पढ़ने में तेज हैं।
सरिता ने बताया की पिता की देश भक्ति को देख उन्हें देश के लिए अपनी लाइफ को लगाना उसके जीवन में एहम है। बातचीत में सरिता ने बताया की वह बीएससी मैथ्स से अपना ग्रेजुएशन करेंगी। जिसके बाद आईएएस की तयारी करेंगी।
सरिता रानी बाकी टॉपर्स से थोड़ा हटकर करना चाहती हैं। वह इंजीनियरिंग में जाने के बजाय, बीएसएसी करके सिविल सर्विसेज की तैयारी करना चाहती हैं।
उनके मुताबिक इंजीनियरिंग में चार साल वह मेहनत कर प्राइवेट नौकरी जरूर पा जाएंगी लेकिन सरकारी नौकरी के लिए उन्हें फिर कॉम्पिटिशन की तैयारी करनी होगी। इससे बेहतर है कि बीएसएसी करने के साथ-साथ वह कॉम्पिटिशंस की प्रिपरेशन भी करती रहें।