लखनऊ। राजधानी लखनऊ की एक अदालत द्वारा भगोड़ा घोषित किए जाने के बाद उत्तर प्रदेश सरकार के कैबिनेट मंत्री रविदास मेहरोत्रा ने कहा है कि वह भगोड़ा नहीं हैं, बल्कि उन्हें एक साजिश के तहत फंसाया जा रहा है।
शनिवार को राजधानी में एक पत्रकार वार्ता आयोजित कर रविदास मेहरोत्रा ने स्पष्टीकरण देते हुए कहा,’मैं भगोड़ा नहीं हूं, मैने हमेशा गरीबों के लिए संघर्ष किया है। मुझे राजनीतिक सजिश के तहत फसाया जा रहा है, और मुझे किसी प्रकार का कोई सम्मन नहीं मिला है।
पुलिस ने भी मुझसे कोई सम्पर्क नहीं किया है। मैं जनता के बीच सबसे ज्यादा रहने वाला व्यक्ति हूं। कमजोरों की मदद के लिए हमेशा लड़ाई लड़ता रहूंगा। 14 साल पहले बसपा और भाजपा गठबन्धन सरकार में बेसहारा और गरीबों की बस्ती उजाड़ी जा रही थी, तब धरना देकर उसका विरोध किया था।
उन्होंने कहा कि जनता के हितों के लिए वह कई बार जेल भी जा चुके हैं। गरीबों की मदद करने में कभी पीछे नहीं हटे। एसीजेएम ज्ञानेंद्र त्रिपाठी ने एक आपराधिक मामले में पिछले कई सालों से गैरहाजिर चल रहे अभियुक्त रविदास मेहरोत्रा के खिलाफ यह कड़ी कार्रवाई की है।
मामले की अगली सुनवाई के लिए अदालत ने 29 जनवरी की तारीख तय की है। यह मामला राजधानी के महानगर थाना से संबधित है। वर्ष 2002 में 9 अगस्त को रविदास मेहरोत्रा व अन्य लोगों ने अकबर नगर इलाके में अवैध निर्माण हटाने के लिए जारी विभागीय नोटिस के विरोध में कुकरैल बंधे के पास रोड़ जाम किया था।
इस मामले की प्राथमिकी तत्कालीन थाना प्रभारी महानगर ओमवीर सिंह ने दर्ज कराई थी। इस मामले में पूर्व विधायक डीपी बोरा समेत कई लोग आरोपी थे। अन्य लोगों के मुकदमे का निस्तारण तो हो गया, लेकिन रविदास फरार चल रहे हैं।