लखनऊ। सर्वोच्च न्यायालय से समायोजन रद्द होने के बाद यहां शिक्षा मित्रों और सरकार के बीच वार्ता विफल होने पर गुरुवार से फिर आंदोलन शुरू हो गया है। इस बीच सरकार ने भी किसी भी परिस्थति से निपटने की पूरी तैयारी कर ली है।
अपर मुख्य सचिव राज प्रताप सिंह से हुई वार्ता की विफलता के बाद शिक्षामित्रों ने घोषणा की है कि वे अपने पूर्व घोषित कार्यक्रम के मुताबिक, 17 से 19 तक जिलों में आंदोलन करेंगे और 21 से लखनऊ में मांगें पूरी होने तक प्रदर्शन जारी रखेंगे।
उल्लेखनीय है कि समायोजित शिक्षामित्र अभी तक मिल रहे वेतन को ही मानदेय के रूप में दिए जाने की मांग कर रहे हैं। शिक्षामित्रों के आंदोलन की घोषणा के बाद अपर मुख्य सचिव आरपी सिंह ने बुधवार को शिक्षामित्र संगठनों को वार्ता के लिए बुलाया था।
आदर्श शिक्षामित्र वेलफेयर एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष जितेन्द्र शाही ने बताया कि हमें ‘समान काम, समान वेतन’ से कम पर कुछ भी मंजूर नहीं है। मुख्यमंत्री योगी ने पूर्ववर्ती सपा सरकार के कार्यकाल में गोरखपुर में एक सभा में कहा था कि सरकार अध्यादेश लाकर शिक्षामित्रों को शिक्षक का दर्जा दे, लेकिन सत्ता में आने के बाद वह अपनी बात भूल रहे हैं। दूसरी तरफ सरकार ने भी आंदोलन से निपटने की पूरी तैयारी कर रखी है।