लखनऊ। उत्तर प्रदेश पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने दारोगा भर्ती परीक्षा का प्रश्नपत्र लीक करने वाले गिरोह का पदार्फाश करते हुए सात सदस्यों को गिरफ्तार करने में कामयाबी हासिल की है। इनके पास से 5 मोबाइल फोन और 9 सिम कार्ड बरामद हुए हैं। इस गिरोह ने देश भर में कई पेपर लीक किए है। हैकरों ने पूछताछ की जा रही है।
यूपी एसटीएफ ने आईजी अमिताभ यश ने बुधवार को प्रेसवार्ता में बताया कि दरोगा भर्ती परीक्षा यूपी के कई जिलों में आनलाइन होनी थी। जिसके लिए मुंबई की कंपनी एनएसईआईटी को कॉन्ट्रेक्ट दिया गया था।
इस कंपनी ने आगरा के ओम ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशन को परीक्षा कराने का अनुबंध किया गया था। लेकिन 24 जुलाई को, पेपर सोशल मीडिया पर लीक होने के बाद भर्ती परीक्षा रद्द कर दीगई थी। इसके बाद एनएसईआईटी ने साइबर क्राइम थाना, लखनऊ में मुकदमा दर्ज करा था।
उन्होंने बताया कि इस मामले के खुलासे में लगी एसटीएफ को जांच में पता चला कि पेपर लीक करने वाले गिरोह के सदस्य अलीगढ़, मथुरा, आगरा व इलाहाबाद के अलावा हरियाणा के पलवल में सक्रिय हैं, जिनकी दारोगा भर्ती परीक्षा को आयोजित कराने वाले ओम ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशन के पदाधिकारियों से सांठगांठ है।
उन्होंने बताया कि गिरोह ने पेपर हैक कर लीक व सॉल्व किया और हर अभ्यर्थियों से पेपर उपलब्ध कराने की एवज में 10-10 लाख रुपये लिए।
आईजी एसटीएफ ने बताया कि इस जानकारी के बाद टीम ने 7 सदस्यों- गौरव आनंद, बलराम, पुष्पेंद्र सिंह, दिनेश कुमार, दीपक कुमार, गौरव खत्री और राकेश कुमार विश्वकर्मा को चिन्हित किया और मंगलवार को लखनऊ के साइबर क्राइम थाना में पूछताछ के लिए बुलाया था। पूछताछ में सभी ने जुर्म कबूला, जिसके बाद सभी को हिरासत में लेकर मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी गई है।
आईजी ने बताया कि गिरफ्तार अभियुक्तों ने पूछताछ पर बताया कि इनके गैंग का सरगना सौरभ जाखड़ है, जो ऑनलाइन रेलवे परीक्षा में धोखाधड़ी करने के अपराध में वांछित था तथा वर्तमान में हत्या के अपराध में पलवल जिला जेल में निरुद्ध है।
इसी का सगा भाई गौरव आनंद भी इस गैंग में सक्रिय है। ये लोग पलवल से ही अपना नेटवर्क चलाते रहे और उत्तर प्रदेश, हरियाणा, मध्य प्रदेश तथा राजस्थान आदि राज्यों में आयोजित होने वाली ऑनलाइन परीक्षा का पेपर लीक कर अवैध वसूली करते रहे हैं।
पूछताछ में सदस्यों ने बताया कि उनका गिरोह प्रत्येक परीक्षा केंद्र के परीक्षा संचालक एवं आईटी हेड व इनविजीलेटर से सांठगांठ करके परीक्षा केंद्र के समस्त कम्प्यूटर टर्मिनल्स पर रिमोट ऐसेस टूनल इंस्टाल कर यूजर आईडी, पास मैसेज के जरिए से गिरोह के सरगना को पहुंचा दिया जाता था।
इसके जरिए पेपर सॉल्वर द्वारा अभ्यर्थी के टर्मिनल का ऑनलाइन एक्सेस प्राप्त कर लिया जाता था और दूरस्थ स्थान से ही पेपर सॉल्व कर कर दिया जाता था। इनके द्वारा एनएसईआईटी के लोकल सर्वर को हैक करके भी प्रश्नपत्र लीक किया गया है। इस कारण दरोगा भर्ती परीक्षा का प्रश्नपत्र सोशल मीडिया पर वायरल हो गया।
छानबीन के दौरान यह भी बात प्रकाश में आई है कि परीक्षा आयोजित कराने वाली कंपनी द्वारा इन्फार्मेशन सिक्योरिटी पॉलिसी के मानकों का पालन नहीं किया गया और परीक्षा में आन लाइन सिक्योरिटी के मूलभूत सिद्धांतों की अनदेखी भी की गई।