
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नई दिल्ली। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद की आरएसएस पर की गई टिप्पणी से संसद में भी सोमवार को घमासान मच गया। आजाद ने देश को कथित तौर पर बांटने को लेकर आईएसआईएस और आरएसएस को एक ही कतार में खड़ा करने का प्रयास किया था।
राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ की तुलना आईएसआईएस से करने वाले गुलाम नबी आजाद के बयान का मुद्दा बीजेपी ने संसद में जोर शोर से उठाया और गुलाम नबी आजाद से माफी की मांग की। राज्यसभा में भी बीजेपी ने गुलाम नबी के बयान पर कड़ा ऐतराज जताया।
इस बीच संघ और भाजपा ने आरएसएस की तुलना किसी भी तरह से आईएसआईएस करना अस्वीकार्य को बताते हुए कहा कि इसे बर्दास्त नहीं किया जा सकता।
राज्य सभा में भी हंगामे के बाद गुलाम नबी आजाद ने अपने बयान पर सफाई देते हुए कहा कि मेरे बयान का गलत मतलब निकाला गया है। मैंने कोई गलत बयान नहीं दिया है। मैंने आरएसएस की तुलना आईएसआईएस से नहीं की।
बीजेपी मेरे भाषण की सीडी को पूरा तो सुने, मेरे बयान को तोडमरोड कर पेश किया गया है। अगर मैने कुछ गलत कहा है तो विशेषाधिकार प्रस्ताव लाए। आजाद जब बोल रहे थे तो सदन में हंगामा होता रहा। इस पर आजाद ने कहा कि यदि आप सवाल करते हैं तो जवाब भी सुनिए।
आजाद के सफाई दिए जाने के दौरान सदन में हंगामा बढ़ने पर गुलाम नबी आजाद ने कहा कि यदि आप (बीजेपी) सवाल करते हैं तो जवाब भी सुनिए।
आजाद के अपनी बात रखने के बाद वित्तमंत्री अरुण जेटली ने कहा कि आजाद को मानना चाहिए कि वे फिसले (विवादित बयान) हैं। जाने अनजाने में आजाद ने आईएसआईएस को सम्मान दे दिया। जाने अनजाने में ही आईएसआईएस की तुलना आरएसएस से की। जबकि ऐसा कतई नहीं होना चाहिए था।
शनिवार को ये बोले थे आजाद
मालूम हो कि शनिवार को जमीयत उलेमा ए हिंद की ओर से आयोजित राष्ट्रीय एकता सम्मेलन में आजाद ने कहा था कि हम मुसलमानों के बीच भी ऐसे लोगों को देखते हैं कि जो मुस्लिम देशों की तबाही की वजह बन गए हैं। इनके पीछे कुछ ताकते हैं, परंतु हमें यह समझने की जरूरत है कि मुसलमान इसमें क्यों शामिल हो रहे हैं, वे क्यों फंसते जा रहे हैं?
आजाद ने कहा कि इसलिए, हम आईएसआईएस जैसे संगठनों का उसी तरह विरोध करते हैं जैसे आरएसएस का विरोध करते हैं। आजाद ने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि जो लोग अपने इतिहास के सिवाय दूसरों का इतिहास नहीं पढ़ते, वो ऐसे ही बोलते हैं जो आजकल दिख रहा है। देश में लड़ाई हिंदू और मुसलमान के बीच नहीं, बल्कि नजरिए की लड़ाई है। हम लोगों को सभी तरह की सांप्रदायिकता का मुकाबला मिलकर करना है।