नई दिल्ली। गुजरात में दलित युवकों की पिटाई के मामले को लेकर संसद के मानसून सत्र के तीसरे दिन बुधवार को दोनों सदनों में हंगामा हुआ। विपक्ष के हंगामे के बीच लोकसभा में सरकार का पक्ष रखते हुए गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने घटना को दुर्भाग्यपूर्ण करार दिया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी इस घटना से बहुत आहत हैं।
राजनाथ ने कहा कि इस घटना की जितनी भी निंदा की जाए वह कम है। प्रधानमंत्री मोदी ने विदेश से लौटते ही 12 जुलाई को मुझसे बात की थी और घटना की जानकारी ली थी। वह इससे बहुत आहत थे।
गृह मंत्री ने कहा कि मामले में अब तक 9 लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है। साथ लोगों को न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है जबकि दो लोग पुलिस हिरासत में हैं। जिन युवकों की पिटाई हुई है वे मृत जानवर की शरीर का खाल निकाल रहे थे।
गृह मंत्री ने आगे कहा कि मामले में राज्य सरकार ने सीआईडी (क्राइम) को जांच सौंपी है। स्पेशल कोर्ट को लेकर प्रयास जारी है। उन्होंने कहा कि मामले की जांच में राज्य सरकार अच्छा काम कर रही है। दलितों पर अत्याचार सामाजिक बुराई है। कुछ लोगों ने युवकों की पिटाई की, जिनके खिलाफ तेजी से कार्रवाई की गई।
राजनाथ सिंह ने विपक्ष पर पलटवार करते हुए कहा कि मोदी सरकार के सत्ता में आने के बाद दलितों के खिलाफ हिंसा की घटनाओं में कमी आई है। मंत्री ने कहा कि कांग्रेस के शासनकाल में दलितों पर अधिक अत्याचार हुआ। उनके ऐसा कहते ही सदन में विपक्ष ने हंगामा शुरू कर दिया नतीजतन गृह मंत्री को कई बार अपना बयान बीच में रोकना पड़ा।
राजनाथ सिंह के बयान पर आपत्ति और नाराजगी जाहिर करते हुए लोकसभा में कांग्रेस के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने राजनाथ के बयान पर असंतोष जताया।
उन्होंने कहा कि गुजरात की घटना के बारे में होम मिनिस्टर का जवाब समाधान नहीं है। हमने मांग की थी कि ज्वाइंट पार्लियामेंट कमेटी बनाई जाए। उसे वहां भेजा जाए। जांच होने दीजिए। कौन शामिल है? किस पार्टी के लोग हैं? पूरी जांच हो। आप इसका एलान कीजिए। और वो कमेटी जांच के बाद रिपोर्ट सदन में रखेगी।
उधर, बुधवार को कार्यवाही शुरू होते ही कांग्रेस ने राज्यसभा में यह मुद्दा उठाया, जिसके बाद विपक्षी दलों ने सरकार के खिलाफ हंगामा शुरू कर दिया। सदन की कार्यवाही अभी तक चार बार स्थगित की जा चुकी है।
कांग्रेस ने मुद्दे को लेकर नोटिस भी दिया था। राज्यसभा की कार्यवाही को शुरू होते ही पहले 10 मिनट के लिए और फिर 12 बजे तक के लिए स्थगित करना पड़ा। 12 बजे जैसे ही कार्यवाही शुरू हुई सदन में बीएसपी, टीएमसी और जेडीयू के सांसदों ने हंगामा शुरू कर दिया। नतीजतन कार्यवाही 12:31 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई। बाद में चौथी बार कार्यवाही को 2 बजे तक के लिए स्थगित किया गया।
फ़िलहाल सरकार ने इस मसले पर सख्त कार्यवाही का आश्वासन दिया। वहीं, बीएसपी चीफ मायावती ने कहा कि बीजेपी और कांग्रेस, दोनों ही इस मुद्दे पर राजनीति कर रही हैं। गुजरात में कांग्रेस विपक्ष में है। उसने यह मुद्दा पहले क्यों नहीं उठाया?