नई दिल्ली। सरकार ने वर्ष 2017 में सिविल सेवाएं परीक्षा के माध्यम से 980 रिक्तियां भरने का लक्ष्य रखा है जबकि पिछले साल इन परीक्षाओं के माध्यम से 1209 रिक्तियों को भरने का प्रस्ताव था।
कार्मिक, लोक शिकायत एवं पेंशन राज्य मंत्री डॉ जितेन् सिंह ने आज राज्यसभा को एक प्रश्न के लिखित उत्तर में यह जानकारी दी।
सिविल सेवाएं परीक्षा तीन चरणों प्राथमिक, मुख्य और साक्षात्कार में होती है और इनके माध्यम से भारतीय प्रशासनिक सेवा आईएएस, भारतीय विदेश सेवा आईएफएस तथा भारतीय पुलिस सेवा आईपीएस सहित अन्य सेवाओं के लिए अधिकारियों का चयन किया जाता है। हर साल हजारों की संख्या में परीक्षार्थी इन परीक्षाओं में बैठते हैं।
सिंह ने बताया कि सिविल सेवाएं परीक्षा के माध्यम से वर्ष 2016 में 1209 रिक्तियों को भरने का प्रस्ताव था जबकि वर्ष 2017 में इन रिक्तियों की संख्या 980 है। हालांकि इन रिक्तियों में आगे परिवर्तन हो सकता है।
उन्होंने बताया कि सरकार, संघ लोक सेवा आयोग द्वारा की गई सिफारिशों के अनुसार अभ्यर्थियों के रैंक, प्राथमिकताओं, चिकित्सकीय स्थिति, संबंधित श्रेणी में रिक्तियों की उपलब्धता के आधार पर सिविल सेवा परीक्षा नियमावली तथा इस विषय पर मौजूदा निर्देशों के अनुसार, उन्हें सेवाएं आवंटित करती है।
सिंह ने बताया कि वर्ष 2016 की रिक्तियों की तुलना में वर्ष 2017 में 229 रिक्तियां कम हैं। वर्ष 2017 के लिए प्रस्तावित रिक्तियां बीते पांच साल की तुलना में सबसे कम हैं। वर्ष 2016 के लिए सिविल सेवा परीक्षा के परिणामों की घोषणा अभी होनी है।