लखनऊ/अयोध्या। अयोध्या में राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद मामले के मुख्य मुद्दई हाशिम अंसारी ने बुधवार को कहा कि वह अब बाबरी मस्जिद मुकदमे की पैरवी नहीं करेंगे। हाशिम ने कहा कि यह मुद्दा अब राजनीति का अखाड़ा बन गया है और सभी इस मुद्दे का इस्तेमाल अपनी राजनीतिक रोटियां सेंकने में कर रहे हैं।
पिछले 64 वर्षो से इस मुकदमे की पैरवी कर रहे हाशिम ने दुख और आक्रोश के साथ कहा कि बाबरी मस्जिद हो या राम जन्मभूमि, यह राजनीति का अखाड़ा है। मैं हिंदुओं या मुसलमानों को बेवकूफ बनाना नहीं चाहता। अब हम किसी कीमत पर बाबरी मस्जिद मुकदमे की पैरवी नहीं करेंगे।
विवादित ढांचे को ढहाए जाने की तिथि छह दिसंबर, जो कि करीब आ पहुंची है, का जिक्र करते हुए हाशिम ने कहा कि छह दिसंबर को मुझे कोई कार्यक्रम नहीं करना है, काला दिवस जैसे किसी कार्यक्रम में शामिल नहीं होना है। बल्कि अपना दरवाजा बंद करके घर के अंदर रहना है।
वयोवृद्ध अंसारी ने कहा कि बाबरी मस्जिद का मुकदमा 1950 से चल रहा है। सारे नेता चाहे वह हिंदू हों या मुसलमान, मंदिर-मस्जिद के नाम पर अपनी रोटियां सेंक रहे हैं। इस मुद्दे के राजनीतिकरण से नाराज हाशिम ने सूबे के कैबिनेट मंत्री आजम खान पर निशाना साधा और कहा कि अब वही इसकी पैरवी करें।
हाशिम ने कहा कि बाबरी मस्जिद की पैरवी के लिए एक्शन कमेटी बनी थी लेकिन आजम खान उसके संयोजक बना दिए गए। अब सियासी फायदा उठाने के लिए वह मुलायम के साथ चले गए। एक्शन कमेटी के जितने नेता थे, उनको पीछे छोड़ दिया गया।
हाशिम ने कहा कि मुकदमा हम लड़ें और राजनीतिक फायदा आजम खान उठाएं। इसलिए मैं अब बाबरी मस्जिद मुकदमे की पैरवी नहीं करूंगा। इसकी पैरवी आजम खान करें।
हाशिम अंसारी ने कहा कि आजम खान चित्रकूट में छह मंदिरों का दर्शन कर सकते हैं, तो अयोध्या दर्शन करने क्यों नहीं आते। उल्लेखनीय है कि राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद का यह मामला फिलहाल सुप्रीमकोर्ट में विचाराधीन है।