पटना/भोजपुर नई दिल्ली। दस दिनों पहले जम्मू-कश्मीर के उरी में हुए आतंकी हमले में 18 जवानों के शहादत के बाद उसी हमले में घायल एक और जवान की दिल्ली के आर्मी अस्पताल में मृत्यु होने के साथ ही उरी हमले में शहीद जवानों की संख्या बढकर 19 हो गई।
सूत्रों के अनुसार गंभीर रूप से घायल एक और जवान का शुक्रवार सुबह निधन हो गयाI हमले में घायल जवान नायक राजकिशोर सिंह का इलाज राजधानी दिल्ली स्थित आर्मी रिसर्च एंड रेफरल अस्पताल में हो रहा था. सिंह बिहार में भोजपुर जिले की आरा तहसील के पिपराती गांव के निवासी थे।
उल्लेखनीय है कि पाकिस्तान से आए आतंकियों ने 18 सितंबर को उरी में आधार सैन्य शिविर में हमला किया था, जिसमें 18 जवान शहीद हो गए थे. सेना ने भी जवाबी हमले में चार आतंकवादियों को ढेर कर दिया था।
उरी हमले के जवाब में भारतीय सेना ने बुधवार देर रात नियंत्रण रेखा के पार सात आतंकी शिविरों पर लक्षित हमला किया था जिसमे 38 आतंकवादी मारे गए।
शहादत की खबर से सैनिक राजकिशोर के घर पर मचा कोहराम
शहीद राजकिशोर बिहार में भोजपुर जिले के बड़हरा प्रखंड स्थित पीपरपांती गांव के रहनेवाले थे। उरी में 6 बिहार रेजिमेंट में लांस नायक के पद पर तैनात शहीद राजकिशोर सिंह का पूरा परिवार फिलहाल आरा के गांगी के पास विजयनगर मुहल्ले में रहता है। शहीद की शहादत की खबर जैसे ही उनके आरा स्थित घर पहुंची चारों ओर चीख-पुकार मच गई।
जैसे ही घायल जवान की मौत की खबर मिली तो पत्नी कंचन देवी दहाड़ मार कर रो पड़ी। वह बार-बार बस एक ही रट लगाए हुए थी कि पति के साथ चिता पर मुझे भी जला दो। अब मैं जिंदा नहीं रहना चाहती हूं। मेरा सब कुछ चला गया।
शहीद की विधवा बार-बार यह कह रही थी मेहंदी भी किसके नाम पर रचाऊंगी। देवी माई से बार-बार पति की सलामती की दुआ कर रही थी, लेकिन कुछ काम नहीं आया। अब इस दुनिया में कोई सहारा नहीं है।
शहीद राजकिशोर सिंह के बच्चे अपनी मां से बार-बार यह सवाल कर रहे थे कि मम्मी… पापा कब आएंगे। शहीद को एक बेटा और एक बेटी है। बेटे की उम्र 10 साल है जिसका नाम हेमंत है और बेटी सुहानी 12 वर्ष की है।
बेटी मां को संभाल रही थी और बेटा अपनी मां से बार-बार एक ही सवाल कर रहा था कि पापा कब आएंगे। शहीद राजकिशोर सिंह की पत्नी से अखिरी बात सोलह सितम्बर को हुई थी।
आखिरी बार बात करते हुए उन्होंने कहा था कि यहां पर चार्ज नहीं मिला है। यह इलाका नया है। नेटवर्क प्रॉब्लम की वजह से फोन कट गया। इसके बाद पत्नी बार-बार फोन लगाने का प्रयास करती रही, लेकिन बात नहीं हो पाई।
बच्चों की पढ़ाई-लिखाई पर शहीद ने अपनी पत्नी के साथ चर्चा की थी। तीन दिन बाद ही उरी में आतंकी हमला हो गया और शहीद का अपनी पत्नी व अपने बच्चे से कोई संपर्क नहीं हो पाया। जख्मी हालत में शहीद राजकिशोर सिंह को अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उनकी मौत हो गई।
राजकिशोर सिंह की मां अनसूईया देवी को जब अपने पुत्र की शहादत की खबर मिली, तो वह बेसुध होकर गिर पड़ी। उसे लोग संभाल रहे थे, लेकिन वह बिलख-बिलखकर रो रही थी। उन्हें यह समझ में नहीं आ रहा था कि अचानक उनके परिवार के साथ क्या हो गया।
सेना से परिवार के जुडे़ हुए हैं कई लोग शहीद राजकिशोर सिंह का पूरा परिवार देश की सेवा में जुटा हुआ है। उनके पिता स्व. विष्णु सिंह आर्मी में थे। उनके तीन पुत्र अशोक सिंह, बेनी माधव सिंह व शहीद राजकिशोर सिंह आर्मी में थे। एक भाई विना गुड़ी में कार्यरत हैं, जबकि दूसरा भाई कानपुर में है।
वहीं राजकिशोर उरी में तैनात थे। इसी दौरान आतंवादियों के हमले में गंभीर रूप से जख्मी हो गए थे। अपने भाईयों में सबसे छोटे थे। उनका पूरा परिवार देश की सेवा में जुटा हुआ है।
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