रांची। सेना में हवलदार फ्रांसिस होरो का अंतिम संस्कार उनके पैतृक गांव सेरंगटोली स्थित गांव घर से सौ मीटर की दूरी पर रीति-रिवाज से मिट्टी देकर द्फनाया गया।
इससे पहले सेना के जवानों ने शहीद होरो को तीन तोपों की सलामी दी। रविवार सुबह रांची के नामकुम स्थित आर्मी कैम्प में श्रद्धांजलि दी गई। इसके बाद सेना के वाहन से शहीद जवान के पार्थिव शरीर को सिदरोल स्थित सिंदुआर टोली आवास ले गए, जहां लोगों ने शहीद को श्रद्धांजलि दी।
उनके अंतिम संस्कार में पूरा गांव रो पड़ा। मां मरियम होरो का रो-रो कर बुरा हाल था। पत्नी अनास्तासिया होरो, दोनों बेटियां अनुप्रिस्का होरो और अदिति मोनिका होरो फूट-फूट कर रही थी। उनके आंसू थम नहीं रहे थे।
मौके परिजन और ग्रामीणों ने नम आंखों से शहीद को अंतिम विदाई दी। इस दौरान विधायक राम कुमार पाहन, कांग्रेसी नेता, कई प्रशासनिक अधिकारी, नेता और ग्रामीण उपस्थित थे।
गौरतलब है कि फ्रांसिस होरो की मौत ऊधमपुर में सीमा पर पेट्रोलिंग के दौरान क्रास फायरिंग में हो गई थी। वह तीन बिहार रेजीमेंट में हवलदार के पद पर तैनात थे। वह 1995 में आर्मी ज्वाइन किए थे जवान फ्रांसिस का शव शनिवार रात पौने आठ बजे इंडिगो की सेवा विमान से रांची आया।