भीम/जयपुर। उरी में शहीद हुए राजसमंद के जवान निम्बसिंह रावत को मंगलवार को अंतिम विदाई दी गई। यह अजीब संयोग ही था कि निंबसिंह की अंतिम यात्रा उनके जन्मदिन के दिन निकली। उनके सात साल के बेटे ने मुखाग्नि दी।
इससे पहले शहीद सैनिक की पार्थिव देह मंगलवार सवेरे भीम उपखंड के सैनिक विश्रांति गृह से राजवा स्थित घर के लिए रवाना हुई।
शव लेकर सेना का वाहन जैसे ही सैनिक विश्रांति गृह से राजवा रवाना हुआ लोगों की भीड़ शहीद के अंतिम दर्शन के लिए जुट गई। पूरा गांव और आसपास के तमाम लोग इस यात्रा में शामिल हुए।
पीएचईडी मंत्री किरण माहेश्वरी समेत कई जनप्रतिनिधि और अधिकारी मौके पर मौजूद रहे। पीसीसी चीफ सचिन पायलट भी अंतिम यात्रा में शामिल हुए।
लोगों ने देश भक्ति के नारों के बीच शहीद के पार्थिव देह पर पुष्प वर्षा की। भीम उपखंड से राजवा गांव की दूरी तीस किलोमीटर से भी ज्यादा है।
इस तीस किलोमीटर के मार्ग पर करीब दो दर्जन से भी ज्यादा गांव और तहसील हैं। गांव पहुंचने के बाद मंगलवार दोपहर बाद निम्बसिंह को राजकीय सम्मान से अंतिम विदाई दी गई। हमले के दौरान शव अत्यधिक जल जाने के कारण सैन्य अधिकारियों ने किसी को भी नहीं देखने की इजाजत नहीं दी।
मालूम हो कि जम्मू-कश्मीर के उरी सेक्टर में रविवार को आतंकी हमले में शहीद हुए राजसमंद के राजवा गांव के हवलदार निम्बसिंह रावत की पार्थिव देह सोमवार को विशेष विमान से उदयपुर लाई गई थी।
वहां से पार्थिव देह को भीम के सैनिक विश्रांति गृह में रखा। संयोगवश 19 सितंबर को ही शहीद का जन्मदिन था। उनके चार पुत्रियां व एक पुत्र है। वे 13 माह बाद सेवानिवृत्त होने वाले थे।
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