बीजिंग। संयुक्त राष्ट्र संघ के लाख समझाने और मना करने के बावजूद उत्तर कोरिया ने रविवार अपने बहुप्रतिक्षित लंबी दूरी के एक रॉकेट को लांच किया। उत्तर कोरिया के इस कदम को सीधेतौर पर अंतर्राष्ट्रीय कानूनों का उल्लंघन माना जा रहा है। वहीं चीन, जापान, दक्षिण कोरिया सहित तमाम देशों ने उसके इस कदम का विरोध किया है।
चीन ने उत्तर कोरिया द्वारा रविवार सुबह किए गए पृथ्वी निगरानी उपग्रह के प्रक्षेपण पर चिंता व्यक्त करते हुए अपनी नाराजगी दर्ज कराई है। जापान के प्रधानमंत्री शिंजो आबे ने रविवार सुबह उत्तर कोरिया के रॉकेट लांच की पुष्टि करने के साथ उसकी निंदा करते हुए कहा गया कि यह संयुक्त राष्ट्र के प्रस्तावों का सीधा-सीधा उल्लंघन है।
उत्तर कोरिया ने अंतर्राष्ट्रीय चेतावनियों के बावजूद इस लांच को अंजाम दिया जो कि एक उकसावे वाला कृत्य है। जापान की ओर से यह भी कहा गया कि यह उसकी सुरक्षा को खतरा पैदा कर देने वाला कदम है।
उधर, दक्षिण कोरिया का कहना है कि उत्तर कोरिया का मना करने के बाद भी रॉकेट लांच करना बताता है कि वह किसी की सुनने वाला नहीं है, इसलिए उस पर अंतर्राष्टीय स्तर पर सख्त पाबंदियां लगाई जाना चाहिए। दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति पार्क ग्युन हे ने रॉकेट लांच के बाद राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद (एनएससी) के साथ एक आपातकाल बैठक बुलाई।
वहीं, उत्तर कोरिया का कहना है कि उसकी योजना पृथ्वी अवलोकन उपग्रह को प्रक्षेपित करने की है लेकिन जापान, अमरीका और अन्य देशों का मानना है कि यह लांच एक लंबी दूरी की बैलिस्टिक मिसाइल का परीक्षण है।
उल्लेखनीय है कि इस रॉकेट का लांच वेस्ट कोस्ट पर मुख्य तोंगचांग-री प्रक्षेपण स्टेशन से सुबह 9.30 बजे(स्थानीय समयानुसार) किया गया। उत्तर कोरिया ने दिसंबर 2012 के बाद पहली बार इस तरह का परीक्षण किया है। तभी संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद प्रस्ताव के जरिए उत्तर कोरिया पर बैलिस्टिक मिसाइल प्रौद्योगिकी के माध्यम से रॉकेट का प्रक्षेपण करने पर पाबंदी लगा दी गई थी।