न्यूयार्क। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ मानवता के विरूद्ध अपराध का मामला दर्ज कराने वाला अमरीकी संगठन मोदी को “राजनयिक छूट” के ओबामा प्रशासन के दावे को चुनौती देगा।…
मोदी की हालिया अमरीका यात्रा के दौरान उनके खिलाफ मामला दर्ज कराने वाले अमरीकन जस्टिस सेंटर ने कहा है कि भारत का प्रधानमंत्री होने के बावजूद वह उस अपराध में मुकदमे से नहीं बच सकते, जो उन्होंने प्रधानमंत्री का पदभार ग्रहण करने से पहले किया था।
संगठन के अनुसार, इस तरह का उदाहरण पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के मामले में पहले ही मौजूद है, जिनके खिलाफ अमरीका के एक मानवाधिकार संगठन ने सिख विरोधी दंगे में संलिप्तता को लेकर मामला दर्ज कराया था।
इस मामले में अमरीका की जिला अदालत के न्यायाधीश जेम्स बोसबर्ग ने 20 अगस्त को दिए अपने फैसले में कहा था कि मनमोहन को भारत सरकार का प्रमुख होने के नाते जो छूट प्राप्त है, वह प्रधानमंत्री बनने से पहले उनके केंद्रीय वित्त मंत्री के कार्यकाल के दौरान हुए अपराध के स ंदर्भ में लागू नहीं होता।
अमरीकन जस्टिस सेंटर के वकील गुरपतवंत सिंह पन्नू ने कहा कि हम अमरीकी सरकार की ओर से मोदी को राजनयिक छूट के दावे को चुनौती देंगे।
इससे पहले न्यूयार्क के भारतीय मूल के अमरीकी अटॉर्नी प्रीत भरारा ने मैनहट्टन में अमरीकी जिला अदालत में कहा कि सरकार ने तय किया है कि एक देश की सरकार के प्रमुख होने के नाते मोदी को अमरीका की अदालती कार्यवाहियों से छूट प्राप्त है।
भरारा ने हालांकि इस पर बहस की गुंजाइश बरकरार रखी है कि मोदी के प्रधानमंत्री पद से हटने के बाद क्या उनके खिलाफ अमरीका में मुक दमा चल सकता है?