नई दिल्ली। अमरीकी फेडरल रिजर्व ने ब्याज दरों में 25 बेसिस पाइंट यानी 0.25 फीसदी की बढ़ोतरी की है। साल 2016 में फेडरल रिजर्व ने पहली बार ब्याज दरों में परिवर्तन किया है।
यूएस में फेडरल रिजर्व ने बुधवार को (भारतीय समय के अनुसार गुरूवार अलसुबह) ब्याज दरों में 0.25 फीसदी की बढ़ोतरी की घोषणा की। दरअसल बुधवार को एफओएमएसी (फेडरल ओपन मार्केट कमेटी) की बैठक हुई, जिसमें ब्याज दरों में बढो़तरी का फैसला लिया गया।
बैठक के बाद फेडरल रिजर्व प्रमुख जेनेट येलेन ने कहा कि एफओएमसी ने ब्याज दरों को 25 पीपी बढ़ाकर उसे 0.50 फीसदी से बढ़ाकर 0.75 फीसदी करने का फैसला किया है।
कमेटी ने हाल के दिनों में अमरीकी अर्थव्यवस्था के बेहतर प्रदर्शन को देखते हुए ये फैसला किया है। अमरीकी अर्थव्यवस्था ने रोजगार और महंगाई के मामले में बेहतर प्रदर्शन किया है।
विगत एक वर्ष में अमरीकी अर्थव्यवस्था में 22.5 लाख नए रोजगार उत्पन्न हुए हैं। बेरोजगारी दर में गिरावट आई है। इसी तरह महंगाई दर के हमारे 2 फीसदी के लक्ष्य के हम बहुत पास पहुंच गए हैं।
गौरतलब है कि अमरीका में हाल ही में हुए राष्ट्रपति पद के चुनाव में डोनाल्ड ट्रंप ने जीत हासिल की है। पेशे से बिजनेस रहे डोनाल्ड ट्रंप के अमरीकी राष्ट्रपति बनने से व्यापारोन्मुखी आर्थिक नीतियों को लेकर कयास लगाए जा रहे हैं।
ब्याज दर में इस बढ़ोतरी को भी इसी तरह देखा जा रहा है। वहीं अमरीका के फेडरल रिजर्व के इस कदम का भारत पर नकारात्मक प्रभाव पड़ने की संभावना जताई जा रही है।
फेडरल रिजर्व का ये कदम अमरीकी अर्थव्यवस्था के आत्मविश्वास को दिखाता है। जिसका सीधा फर्क रूपए के मुकाबले डॉलर पर होगा। डॉलर के मजबूत होने से भारत पर इसका सीधा असर पड़ने की संभावना जताई जा रही है।