न्यूयार्क। अमरीका की एक अदालत ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से गुजरात दंगे रोक पाने में कथित असफलता कोे लेकर उन पर लगे आरोपों पर जवाब देने को कहा है। इस बीच भारत ने गुजरात दंगों के संबंध में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के खिलाफ मुकदमा दायर किए जाने को उनकी अमरीकी यात्रा का माहौल खराब करने की एक ओछी हरकत बताया है। फिलहाल मोदी पांच दिन की अमरीका यात्रा पर हैं। प्रधानमंत्री बनने के बाद यह उनकी पहली यात्रा है।…
न्यूयार्क की एक अदालत में दायर याचिका में कहा गया है कि मोदी गुजरात के मुख्यमत्री रहते समय राज्य में हुए दंगों को रोक पाने में असफल रहे। इसमें कहा गया है कि तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी के खिलाफ इस बात के समर्थन में पर्याप्त सबूत हैं कि उन्होंने प्रशासन को मुस्लिम समुदाय के बेगुनाह लोगों को मारने के लिए जानबूझकर और दुर्भावना से आदेश दिए।
यह याचिका वर्ष 2002 में गुजरात में हुए दंगों में जीवित बचे दो लोगों की ओर से एक गैर लाभकारी मानवाधिकार संगठन अमरीकन जस्टिस सेंटर की ओर से दायर की गई है, जिसका जवाब मोदी को 21 दिन के भीतर देना है।
गौरतलब है कि वर्ष 2002 के फरवरी माह में हिंदू तीर्थयात्रियों से भरी एक ट्रेन की बोगी में आग लगा दी गई थी। इसके बाद राज्य में दंगे भड़क गए थे, जिनमें कम से कम एक हजार लोग मारे गए थे।
मोदी को समन से मिलेगी छूट
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को गुजरात दंगों पर समन दिए जाने पर अमरीका ने कहा है कि उन्हें राष्ट्रप्रमुख होने के नाते इससे न केवल छूट मिलेगी बल्कि इसे उनके हाथों में भी नहीं सौंपा जा सकेगा। ओबामा प्रशासन के एक अधिकारी ने पूछे जाने पर कहा कि हमें इस बारे में मीडिया रिपोर्ट से पता चला है। मैं इस समन के बारे में कुछ भी नहीं कह सकता हूं। लेकिन यह सामान्य कानूनी सिद्धांत है कि राष्ट्र प्रमुखों को अमरीकी अदालत द्वारा जारी समन से छूट मिलती है। इसके अलावा उनके हाथों में समन भी नहीं सौंपा जा सकता। उन्होंने कहा कि संधि के तहत यूएन सामान्य सभा में शामिल होने आए प्रतिनिधिमंडल के प्रमुख को भी समन से छूट हासिल होती है।
भारत ने कहा ये तो ओछी हरकत
गुजरात दंगों के संबंध में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के खिलाफ मुकदमा दायर किए जाने को लेकर पूछे गए सवाल के जवाब में विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि यह मामला दुर्भावना से प्रेरित है और प्रधानमंत्री के संयुक्त राष्ट्र महासभा में संबोधन और अमरीकी राष्ट्रपति बराक ओबामा के साथ द्विपक्षीय वार्ता से ध्यान हटाने का एक प्रयास है।
प्रवक्ता ने बताया कि भारत सरकार इस मामले से निपटने के लिए समुचित कदम उठा रही है। प्रवक्ता ने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि मोदी की अमरीकी यात्रा के दौरान दुर्भावनापूर्ण ढंग से इस मामले को उछाला जा रहा है।
उन्होंने कहा कि मोदी की अमरीका यात्रा की पूर्व संध्या पर न्यूयार्क की एक स्थानीय अदालत ने मोदी के खिलाफ एक मामला दर्ज किया है। उन्होंने कहा कि इस मामले में लगाए गए आरोप आधारहीन और प्रधानमंत्री के खिलाफ पहले लगाए गए अन्य आरोपों जैसे ही है। अमरीका की एक अदालत में दायर मामले में जो आरोप लगाए गए हैं वैसे ही आरोपों को भारत का सुप्रीमकोर्ट आधारहीन मानते हुए खारिज कर चुका है।