अटलांटा। अमरीकी राज्य जार्जिया में एक दंपती को अपनी बेटी का नाम ‘अल्लाह’ नहीं रखने दिया गया। अब इस दंपति ने इसके ख़िलाफ़ मुक़दमा किया है।
जन स्वास्थ्य विभाग ने एलिज़ाबेथ हैंडी और बिलाल वाक की 22 महीने की बच्ची को जन्म प्रमाण पत्र जारी करने से इनकार कर दिया था। दंपती का कहना है कि उनकी बेटी को आधिकारिक तौर पर बिना नाम के छोड़ देना उन्हें देना स्वीकार्य नहीं है।
यह दंपती अविवाहित है और उसका एक बेटा भी है। वहीं अधिकारियों का कहना है कि ज़ैलीख़ा ग्रेसफ़ुल लार्निया अल्लाह नाम की बच्ची का उपनाम हैंडी या वाक या दोनों का मिलाजुला रूप होना चाहिए। अल्लाह अरबी भाषा का शब्द है, जो ख़ुदा या भगवान के लिए इस्तेमाल होता है।
उल्लेखनीय है कि जार्जिया के नागरिक अधिकार संगठन ‘दी अमरीकी सिविल लिबर्टी यूनियन’ (एसीएलयू) ने दंपती की ओर से फुल्टन काउंटी सुपीरियर कोर्ट में मुक़दमा दायर किया है।
बच्ची के पिता ने अटलांटा जर्नल कांस्टीट्यूशन पत्रिका से कहा कि वह उसे अल्लाह कहकर बुलाते हैं, क्योंकि यह श्रेष्ठ है। उनका कहना है कि अधिकारियों की कार्रवाई स्पष्ट रूप से अनुचित और उनके अधिकारों के खिलाफ है।
उनका कहना है कि जन्म प्रमाणपत्र के बिना उनकी बच्ची की अमरीकी नागरिकता सवालों के घेरे में आ जाएगी उधर, जन स्वास्थ्य विभाग के वकीलों का कहना है कि जार्जिया के नियमों के मुताबिक़, जन्म प्रमाणपत्र के लिए बच्चे का उपनाम या तो उसके पिता का हो या मां का।