तेहरान। ईरान के राष्ट्रपति हसन रूहानी ने शुक्रवार को कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ईरान के अंतर्राष्ट्रीय परमाणु समझौते को ‘एकतरफा’ होकर निरस्त नहीं कर सकते।
शुक्रवार को ईरान के खिलाफ ट्रंप की आक्रामक टिप्पणियों के बाद रूहानी ने सरकारी टेलीविजन चैनल पर लाइव प्रसारण में कहा कि ईरान परमाणु समझौता एक बहुपक्षीय समझौता है और इसे एक देश के राष्ट्रपति द्वारा निरस्त नहीं जा सकता।
रूहानी ने कहा कि अमरीकी राष्ट्रपति परमाणु करार को लेकर इसमें शामिल अन्य पक्षों के साथ सहयोग करने में नाकाम रहे हैं।
ईरानी राष्ट्रपति ने कहा कि ईरान तभी तक परमाणु समझौते का सम्मान करेगा, जब तक देश के राष्ट्रीय हित और अधिकार कायम रहेंगे।
उन्होंने कहा कि हमने अंतर्राष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (आईएईए) के साथ सहयोग किया है और हम अपनी प्रतिबद्धता के दायरे में रहते हुए संयुक्त राष्ट्र संघ के निकाय के साथ काम करते रहेंगे।
उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि जिस दिन हमें लगेगा कि जेसीपीओए हमारे हितों का सम्मान नहीं कर रही, उस दिन हम जवाब देने में नहीं हिचकिचाएंगे।
गौरतलब है कि ट्रंप ने शुक्रवार को घोषणा करते हुए कहा कि उन्होंने 2015 में हुए ऐतिहासिक समझौते को प्रमाणित नहीं करने का फैसला किया है।
इस बीच पूर्व अमरीकी विदेश मंत्री जॉन केरी ने कहा कि राष्ट्रपति ट्रंप साल 2015 के ईरान परमाणु समझौते से समर्थन वापस लेने का खतरनाक फैसला कर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर संकट पैद कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि यह अमरीका के राष्ट्रीय सुरक्षा हितों और उसके करीबी सहयोगियों के लिए खतरा है।
मालूम हो कि इस समझौते पर ईरान के साथ बातचीत केरी ने ही की थी। सांसदों से ट्रंप के खिलाफ खड़े होने की अपील करते हुए उन्होंने कहा कि कांग्रेस पर यह दांव भारी पड़ेगा।