वाशिंगटन। दुनिया का सबसे खतरनाक आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट(आईएस) इतनी तेजी से आगे बढ़ रहा है कि इसने अल कायदा को भी पीछे छोड़ दिया है। पीछे छोड़ने के साथ ही इस्लामिक स्टेट दुनिया का सबसे खुंखार आतंकी संगठन बनता जा रहा है।
अमेरिका ने कल कंट्री रिपोर्ट ऑन टेररिज्म फोर 2014 में इस बात का खुलासा किया है। इसमें कहा गया है कि तेजी से लड़ाकों की भर्ती, फंडिंग स्रोतों और हमलों की क्रूरता के मामले में इसने अल कायदा को काफी पीछे छोड़ दिया है।
वर्ष 2014 में आतंकी हमलों की संख्या 35 फीसदी बढ़ गई। लेकिन इन हमलों का खामियाजा कुछ ही देशों को भुगतना पड़ रहा है। इन हमलों में से 60 फीसदी घटनाएं इराक, सीरिया, पाकिस्तान, अफगानिस्तान, भारत और नाइजीरिया में हुए।
संयुक्त राष्ट्र संघ ने कुछ दिनों पहले हिंसा पर एक रिपोर्ट जारी की थी उसमें भी सीरिया और इराक सबसे ज्यादा हिंसाग्रस्त देशों में शामिल किए गए थे। इन हमलों में सबसे ज्यादा लोगों की मौत इराक में हुई।
इराक में आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट के कारण हुई घटनाओं के कारण वहां पर असंतोष की स्थिति पैदा हो गई है। दुनिया भर में मरने वालों की संख्या में भी 81 फीसदी का इजाफा देखने को मिला है। ऐसा तब देखने को मिला है जब बड़े पैमाने पर परमाणु हथियारों का प्रयोग नहीं किया जा रहा है।
रपट में कहा गया है कि वर्ष 2014 में हुए आतंकी हमलों में 24 अमेरिकी लोगों की भी मौत हुई है। इन लोगों की मौत अफगानिस्तान, सोमालिया और जेरुसलम में हुए आतंकी हमलों के दौरान हुई। इस्लामिक स्टेट के साथ ही बोको हराम का भी जिक्र किया गया है।
इसमें कहा गया है कि दोनों ही आतंकी संगठन आतंक को फैलाने के लिए बड़े पैमाने पर बच्चों का भी इस्तेमाल कर रहे हैं। अमेरिका का कहना है कि जिस तरह से इस्लामिक स्टेट ने मीडिया का इस्तेमाल किया गया है उस तरह अभी तक किसी संगठन ने नहीं किया है। इसी कारण ये तेजी से बढ़ रहा है।
काफी बड़ी संख्या में दुनिया भर से लड़ाके आ कर इसमें शामिल हो रहे हैं। ये कहीं न कहीं इस्लामिक स्टेट की मीडिया तक पहुंच के कारण ही संभव हो पाया है। रपट में दावा किया है कि इस्लामिक स्टेट से प्रभावित हो कर दुनिया के अलग-अलग हिस्सों से लगभग 16 हजार विदेशी लड़ाके आईएस से जुड़ने के लिए सीरिया गए। इनमें से अधिकतर इस समय इस्लामिक स्टेट का हिस्सा हैं।